भगवान शिव के 108 नाम उनके भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, न केवल आध्यात्मिक विकास में बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी। ये नाम भगवान शिव के विभिन्न प्रतिरूपों और गुणों को प्रकट करते हैं, जिनसे उनके भक्त उनकी कृपा पा सकते हैं और जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
ये 108 नाम अद्वितीय शक्तियों का प्रतीक हैं, जो मानव जीवन में स्थिरता, सुख, सफलता और शांति की प्राप्ति में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। भगवान शिव के इन नामों का उच्चारण और स्मरण करने से मन में शांति और स्थिरता की भावना उत्पन्न होती है, जिससे अध्यात्मिक उन्नति होती है।
यदि आप इन नामों का नियमित रूप से जाप करते हैं, तो यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, विचारशीलता में वृद्धि हो सकती है और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। ये नाम आपके जीवन को उत्तरदायित्वपूर्ण बनाने में सहायक हो सकते हैं और आपको आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुँचा सकते हैं।
S.No | Name | Mantra | Meaning |
1 | शिव | ॐ शिवाय नम: | कल्याण स्वरूप |
2 | महेश्वर | ॐ महेश्वराय नम: | माया के अधीश्वर |
3 | शम्भू | ॐ शंभवे नम: | आनंद स्वरूप वाले |
4 | पिनाकी | ॐ पिनाकिने नम: | पिनाक धनुष धारण करने वाले |
5 | शशिशेखर | ॐ शशिशेखराय नम: | चंद्रमा धारण करने वाले |
6 | वामदेव | ॐ वामदेवाय नम: | अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले |
7 | विरूपाक्ष | ॐ विरूपाक्षाय नम: | विचित्र अथवा तीन आंख वाले |
8 | कपर्दी | ॐ कपर्दिने नम: | जटा धारण करने वाले |
9 | नीललोहित | ॐ निललोहिताय नम: | नीले और लाल रंग वाले |
10 | शंकर | ॐ शंकराय नम: | सबका कल्याण करने वाले |
11 | शूलपाणी | ॐ शूलपाणये नम: | हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले |
12 | खटवांगी | ॐ खट्वांगिने नम: | खटिया का एक पाया रखने वाले |
13 | विष्णुवल्लभ | ॐ विष्णुबल्लभाय नम: | भगवान विष्णु के अति प्रिय |
14 | शिपिविष्ट | ॐ शिपिविष्टाय नम: | सितुहा में प्रवेश करने वाले |
15 | अंबिकानाथ | ॐ अंबिकानाथाय नम: | देवी भगवती के पति |
16 | श्रीकण्ठ | ॐ श्रीकण्ठाय नम: | सुंदर कण्ठ वाले |
17 | भक्तवत्सल | ॐ भक्तवत्सलाय नम: | भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले |
18 | भव | ॐ भवाय नम: | संसार के रूप में प्रकट होने वाले |
19 | शर्व | ॐ शर्वाय नम: | कष्टों को नष्ट करने वाले |
20 | त्रिलोकेश | ॐ त्रिलोकेशाय नम: | तीनों लोकों के स्वामी |
21 | शितिकण्ठ | ॐ शितिकण्ठाय नम: | सफेद कण्ठ वाले |
22 | शिवाप्रिय | ॐ शिवाप्रियाय नम: | पार्वती के प्रिय |
23 | उग्र | ॐ उग्राय नम: | अत्यंत उग्र रूप वाले |
24 | कपाली | ॐ कपालिने नम: | कपाल धारण करने वाले |
25 | कामारी | ॐ कामारये नम: | कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने |
26 | सुरसूदन | ॐ अन्धकासुर सूदनाय नम: | अंधक दैत्य को मारने वाले |
27 | गंगाधर | ॐ गंगाधराय नम: | गंगा को जटाओं में धारण करने वाले |
28 | ललाटाक्ष | ॐ ललताक्षाय नम: | माथे पर आंख धारण किए हुए |
29 | महाकाल | ॐ कालकालाय नम: | कालों के भी काल |
30 | कृपानिधि | ॐ कृपानिधये नम: | करुणा की खान |
31 | भीम | ॐ भीमाय नम: | भयंकर या रुद्र रूप वाले |
32 | परशुहस्त | ॐ परशुहस्ताय नम: | हाथ में फरसा धारण करने वाले |
33 | मृगपाणी | ॐ मृगपाणये नम: | हाथ में हिरण धारण करने वाले |
34 | जटाधर | ॐ जटाधराय नम: | जटा रखने वाले |
35 | कैलाशवासी | ॐ कैलासवासिने नम: | कैलाश पर निवास करने वाले |
36 | कवची | ॐ कवचिने नम: | कवच धारण करने वाले |
37 | कठोर | ॐ कटोराय नम: | अत्यंत मजबूत देह वाले |
38 | त्रिपुरांतक | ॐ त्रिपुरान्तकाय नम: | त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले |
39 | वृषांक | ॐ वृषांकाय नम: | बैल-चिह्न की ध्वजा वाले |
40 | वृषभारूढ़ | ॐ वृषभारूढय नम: | बैल पर सवार होने वाले |
41 | भस्मोद्धूलितविग्रह | ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नम: | भस्म लगाने वाले |
42 | सामप्रिय | ॐ सामप्रियाय नम: | सामगान से प्रेम करने वाले |
43 | स्वरमयी | ॐ स्वरमयाय नम: | सातों स्वरों में निवास करने वाले |
44 | त्रयीमूर्ति | ॐ त्रयीमूर्तये नम: | वेद रूपी विग्रह करने वाले |
45 | अनीश्वर | ॐ अनीश्वराय नम: | जो स्वयं ही सबके स्वामी है |
46 | सर्वज्ञ | ॐ सर्वज्ञाय नम: | सब कुछ जानने वाले |
47 | परमात्मा | ॐ परमात्मने नम: | सब आत्माओं में सर्वोच्च |
48 | सोमसूर्याग्निलोचन | ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नम: | चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले |
49 | हवि | ॐ हविषे नम: | आहुति रूपी द्रव्य वाले |
50 | यज्ञमय | ॐ यज्ञमयाय नम: | यज्ञ स्वरूप वाले |
51 | सोम | ॐ सोमाय नम: | उमा के सहित रूप वाले |
52 | पंचवक्त्र | ॐ पंचवक्त्राय नम: | पांच मुख वाले |
53 | सदाशिव | ॐ सदाशिवाय नम: | नित्य कल्याण रूप वाले |
54 | विश्वेश्वर | ॐ विश्वेश्वराय नम: | विश्व के ईश्वर |
55 | वीरभद्र | ॐ विरभद्राय नम: | वीर तथा शांत स्वरूप वाले |
56 | गणनाथ | ॐ गणनाथाय नम: | गणों के स्वामी |
57 | प्रजापति | ॐ प्रजापतये नम: | प्रजा का पालन- पोषण करने वाले |
58 | हिरण्यरेता | ॐ हिरण्यरेतसे नम: | स्वर्ण तेज वाले |
59 | दुर्धुर्ष | ॐ दुर्धर्षाय नम: | किसी से न हारने वाले |
60 | गिरीश | ॐ गिरिशाय नम: | पर्वतों के स्वामी |
61 | गिरिश्वर | ॐ गिरिशाय नम: | कैलाश पर्वत पर रहने वाले |
62 | अनघ | ॐ अनघाय नम: | पापरहित या पुण्य आत्मा |
63 | भुजंगभूषण | ॐ भुजंगभूषणाय नम: | सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले |
64 | भर्ग | ॐ भर्गाय नम: | पापों का नाश करने वाले |
65 | गिरिधन्वा | ॐ गिरिधन्वने नम: | मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले |
66 | गिरिप्रिय | ॐ गिरिप्रियाय नम: | पर्वत को प्रेम करने वाले |
67 | कृत्तिवासा | ॐ कृत्तिवाससे नम: | गजचर्म पहनने वाले |
68 | पुराराति | ॐ पुरारातये नम: | पुरों का नाश करने वाले |
69 | भगवान् | ॐ भगवते नम: | सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न |
70 | प्रमथाधिप | ॐ प्रमथाधिपाय नम: | प्रथम गणों के अधिपति |
71 | मृत्युंजय | ॐ मृत्युंजयाय नम: | मृत्यु को जीतने वाले |
72 | सूक्ष्मतनु | ॐ सूक्ष्मतनवे नम: | सूक्ष्म शरीर वाले |
73 | जगद्व्यापी | ॐ जगद्यापिने नम: | जगत में व्याप्त होकर रहने वाले |
74 | जगद्गुरू | ॐ जगद्गुरवे नम: | जगत के गुरु |
75 | व्योमकेश | ॐ व्योमकेशाय नम: | आकाश रूपी बाल वाले |
76 | महासेनजनक | ॐ महासेनजनकाय नम: | कार्तिकेय के पिता |
77 | चारुविक्रम | ॐ चारुविक्रमाय नम: | सुन्दर पराक्रम वाले |
78 | रूद्र | ॐ रुद्राय नम: | उग्र रूप वाले |
79 | भूतपति | ॐ भूतपतये नम: | भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी |
80 | स्थाणु | ॐ स्थाणवे नम: | स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले |
81 | अहिर्बुध्न्य | ॐ अहिर्बुध्न्याय नम: | कुण्डलिनी- धारण करने वाले |
82 | दिगम्बर | ॐ दिगंबराय नम: | नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले |
83 | अष्टमूर्ति | ॐ अष्टमूर्तये नम: | आठ रूप वाले |
84 | अनेकात्मा | ॐ अनेकात्मने नम: | अनेक आत्मा वाले |
85 | सात्त्विक | ॐ सात्विकाय नम: | सत्व गुण वाले |
86 | शुद्धविग्रह | ॐ शुद्दविग्रहाय नम: | दिव्यमूर्ति वाले |
87 | शाश्वत | ॐ शाश्वताय नम: | नित्य रहने वाले |
88 | खण्डपरशु | ॐ खण्डपरशवे नम: | टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले |
89 | अज | ॐ अजाय नम: | जन्म रहित |
90 | पाशविमोचन | ॐ पाशविमोचकाय नम: | बंधन से छुड़ाने वाले |
91 | मृड | ॐ मृडाय नम: | सुखस्वरूप वाले |
92 | पशुपति | ॐ पशुपरये नम: | पशुओं के स्वामी |
93 | देव | ॐ देवाय नम: | स्वयं प्रकाश रूप |
94 | महादेव | ॐ महादेवाय नम: | देवों के देव |
95 | अव्यय | ॐ अव्ययाय नम: | खर्च होने पर भी न घटने वाले |
96 | हरि | ॐ हरये नम: | विष्णु समरूपी |
97 | पूषदन्तभित् | ॐ पूषदन्तभिदे नम: | पूषा के दांत उखाड़ने वाले |
98 | अव्यग्र | ॐ अव्यग्राय नम: | व्यथित न होने वाले |
99 | दक्षाध्वरहर | ॐ सहस्राक्षाय नम: | दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले |
100 | हर | ॐ हराय नम: | पापों को हरने वाले |
101 | भगनेत्रभिद् | ॐ भगनेत्रभिदे नम: | भग देवता की आंख फोड़ने वाले |
102 | अव्यक्त | ॐ अव्यक्ताय नम: | इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले |
103 | सहस्राक्ष | ॐ सहस्राक्षाय नम: | अनंत आँख वाले |
104 | सहस्रपाद | ॐ सहस्रपदे नम: | अनंत पैर वाले |
105 | अपवर्गप्रद | ॐ अपवर्गप्रदाय नम: | मोक्ष देने वाले |
106 | अनंत | ॐ अनन्ताय नम: | देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित |
107 | तारक | ॐ तारकाय नम: | तारने वाले |
108 | परमेश्वर | ॐ परमेश्वराय नम: | प्रथम ईश्वर |
इन नामों का अध्ययन करके आप अपने जीवन को ध्यान, धारणा और साधना के माध्यम से एक नये परिप्रेक्ष्य से देख सकते हैं, जिससे आपकी आध्यात्मिकता में वृद्धि होगी और आपके जीवन में नई दिशाएँ मिलेंगी।