असितांग भैरव को बाबा भैरव का उग्र रूप माना गया है | ऐसा माना गया है की इस बाबा भैरव के इस रूप में बाबा भैरव की उपासना करने से इंसान के भयंकर से भयंकर रोग भी दूर हो जाते है। असाध्य रोग नष्ट हो जाते है। यह मंत्र बहुत लाभदायक है। इस मंत्र के जाप करने से मानसिक रोग, चिंता का हरण, मन में चल रही हीन भावनाएं नष्ट हो जाती है।
असितांग भैरव मंत्र :
|| ॐ भं भं सः असितांगाये नमः ||
असितांग भैरव मंत्र जप विधि:
ऐसी मान्यत्ता है की भैरव के मंत्रों का जप रात्रि में करना शुभ माना जाता है।
असितांग भैरव के इस मंत्र का जप भी रात्रि 9 बजे के बाद ही किया जाना चाहिए। असितांग भैरव के इस मंत्र का जप भी रात्रि 9 बजे के बाद ही किया जाना शुभ मन जाता है। पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाऐ और उसपर सिद्ध भैरव यंत्र व असितांग भैरव की फोटो की स्थापना करें |
एक गमले में पहले से पीपल का पेड़ लगाये और इसे पूजा स्थल पर चौकी के साथ में रखे |
पीपल का पेड़ पूजा स्थल में रखने के बाद, सरल पूजा विधि से भैरव पूजा संपन्न करे। धुप -दीप -पुष्प – नैवद्य – अक्षत – कुमकुम आदि द्वारा पूजन करें |
लड्डू का भोग लगाए।
एक पान के पत्ते पर 2 लोंग – 2 सुपारी और 2 इलायची रखकर भैरव जी को अर्पित करें |
एक सवा मीटर लाल रंग का कपडा बाबा भैरव जी की प्रतिमा को अर्पित करे।
बाबा भैरव जी को लाल रंग का कपडा अर्पित करने के पश्चात् अब भगवान श्री गणेश जी के स्तुति मंत्र के साथ उनका स्मरण करे। इसके उपरांत अपने दांये हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं (अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) आपकी कृपा से असितांग भैरव जी के इस मंत्र का जप अपने रोग की मुक्ति हेतु कर रहा हूँ, मेरे कार्य में मुझे सफलता प्रदान करें |
ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले : ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु |
अब आप अपने गुरु जी का स्मरण करें | आप चाहे तो मंत्र द्वारा गुरु मंत्र के कुछ जप भी कर सकते है | इसके उपरांत ऊपर दिए गये असितांग भैरव मंत्र के जप आप कम से कम सवा घंटा करें | मंत्र जप में माला लेने की आवश्यकता नहीं है | आप मन ही मन इस मंत्र का जप करते जाये|
मंत्र जप पूर्ण होने पर भैरव जी की आरती करनी चाहिए | अब आप हाथ जोड़कर भैरव जी से अपने रोग मुक्ति हेतु अरदास लगाये और अपना स्थान छोड़ दे |
जो लोग लम्बे समय से किसी रोग से पीड़ित है और लाख यत्न के बाद भी उनका रोग ठीक नहीं हो पा रहा है तो असितांग भैरव मंत्रका जप करना चाहिए |