सावन का पवित्र महीना, इसे श्रावण मास (Shravan Maas) के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित, श्रावण मास (महीना) का त्योहार हिंदुओं, विशेषकर शिव भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक भक्ति, उपवास और उत्सव का समय है। आमतौर पर, सावन भारत में मानसून के मौसम के आगमन के समय जुलाई और अगस्त के महीनों में पड़ता है। बारिश को भगवान शिव का आशीर्वाद और जीवन के नवीनीकरण का प्रतीक माना जाता है।
श्रावण मास 2023: क्यों है खास ? Importance of Shravan Month 2023
हिंदू कैलेंडर में श्रावण का महीना बहुत खास माना जाता है, पर इस वर्ष श्रावण 2023 और भी खास है क्योंकि इस साल सावन का त्यौहार 59 दिनों अर्थात 2 माह तक मनाया जायेगा । यह एक दुर्लभ घटना है जो 19 साल में केवल एक बार होती है। इससे पहले यह संयोग 2004 में हुआ था।
यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि श्रावण 2023 इतना खास क्यों है:
अधिकमास:
अधिकमास के कारण सावन का महीना एक बजाय दो महीनों का होगा। इसका मतलब यह है कि भक्तों के पास भगवान शिव को समर्पित आध्यात्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों के लिए अधिक समय होगा।
सावन महीने की शुरुआत और अंत तारीख | Sawan Month Start Date and End Dates 2023
हिंदू कैलेंडर में इस वर्ष सावन का महीना (Shravan maas) 4 जुलाई, 2023 को शुरू होकर 31 अगस्त, 2023 को समाप्त हो रहा है । निचे दी गयी सुची द्वारा जानिए कब है सावन का पहला सोमवार-
Sawan Somwar Dates | सावन सोमवार की तारीख 2023
इस साल एक नहीं बल्कि दो महीने तक सावन रहेगा
इसीलिए 4 नहीं बल्कि 8 सावन सोमवार आएंगे
इसलिए शिव भक्तों को शिव जी की भक्ति का भरपूर लाभ मिलेगा
सावन का पहला सोमवार (shravan start date 2023) | 10 जुलाई |
सावन का दूसरा सोमवार | 17 जुलाई |
सावन का तीसरा सोमवार | 24 जुलाई |
सावन का चौथा सोमवार | 31 जुलाई |
सावन का पांचवा सोमवार | 07 अगस्त |
सावन का छठा सोमवार | 14 अगस्त |
सावन का सातवां सोमवार | 21 अगस्त |
सावन का आठवां सोमवार | 28 अगस्त |
इस वर्ष 2023 में कितने सावन सोमवार पड़ेंगे?
भक्त अक्सर इस महीने के दौरान सोमवार (सावन सोमवार) का व्रत रखते हैं। इस वर्ष सावन में 8 सोमवार होंगे।
यह मानसून के मौसम के साथ मेल खाता है।
माना जाता है कि मानसून की बारिश भगवान शिव का आशीर्वाद है, और यह सूखी भूमि पर बहुत जरूरी राहत लाती है। बारिश उर्वरता और प्रचुरता का भी प्रतीक है, जो भगवान शिव से जुड़े गुण हैं।
यह तीर्थ यात्रा का समय है.
कई भक्त भगवान शिव को समर्पित पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं, जैसे वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और हिमालय में केदारनाथ मंदिर।
सावन के महीनो और सावन सोमवार व्रत का महत्व (Significance of Shravan Maas 2023 & Sawan Somvar Vrat)
मान्यता है की श्रावण मास का महीना भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। इन दिनों जो भी भक्त भगवान शिव की श्रद्धा से पूजा आराधना करते है शिव जी उनसे प्रस्सन होते है सभी मनोकामना पूर्ण करते है इसलिए सावन का महीना महत्वपूर्ण मन गया है।
अगर बात करें सावन सोमवार की तो सावन सोमवार का व्रत (shravan somvar vrat) विशेषतः सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है मान्यता है की सावन सोमवार व्रत रखने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है सोमवार और शिव जी के संबंध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था.इसलिए यह व्रत महिलाओं के लिए अत्यधिक खास है इसके अतिरिक्त संतान प्राप्ति और रोगमुक्ति के लिए भी सावन सोमवार का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है।
सावन सोमवार व्रत कथा (Sawan Somvar Vrat Katha)
सावन सोमवार व्रत की कथा (Sawan Somvar Vrat Katha) पतिव्रता देवी सती की है, जो राजा दक्ष की बेटी और भगवान शिव की पत्नी थी। सती अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। अपने पिता की अस्वीकृति को नजरअंदाज करते हुए, उन्होंने शिव से विवाह किया।
एक बार, दक्ष ने एक भव्य यज्ञ (पवित्र अग्नि अनुष्ठान) का आयोजन किया लेकिन शिव को आमंत्रित नहीं किया । सती अपने पति का अपमान न सह सकी और अपनी ही भक्ति की अग्नि में आत्मदाह कर लिया। जिसके पश्चात, उन्होंने पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया और भगवान शिव के साथ पुनर्मिलन किया। ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार व्रत को श्रद्धा और समर्पण के साथ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
सावन सोमवार व्रत कथा भक्ति और विश्वास की शक्ति की याद दिलाती है। जो लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखते हैं, उनके लिए यह माना जाता है कि भगवान शिव उनकी इच्छाओं को पूरा करेंगे और उन पर अपना आशीर्वाद बरसाएंगे।
सावन सोमवार व्रत विधि (अनुष्ठान): (Sawan Somvar Vrat Puja Vidhi 2023)
- सोमवार की सुबह जल्दी उठकर और खुद को शुद्ध करने के लिए स्नान करके साफ़ और ताज़ा कपड़े पहने।
- भगवान शिव की छवि या मूर्ति के साथ एक पवित्र स्थान या वेदी तैयार करें।
- जल, दूध, शहद, दही, घी और अन्य पवित्र पदार्थों से अभिषेक (मूर्ति का अनुष्ठान स्नान) करके भगवान शिव की प्रार्थना करें।
- पूजा करते समय भगवान शिव को बिल्ब पत्र अवश्य चढ़ायें।
- अगरबत्ती जलाकर भगवान शिव को फूल और फल चढ़ायें।
- भगवान शिव को समर्पित मंत्र और प्रार्थनाएँ, जैसे महामृत्युंजय मंत्र और ओम नमः शिवाय का पाठ करें।
- अगर आप चाहे तो शाम तक भोजन और पानी का सेवन किए बिना पूरे दिन का उपवास रख सकते हैं, अन्यथा अपनी व्यक्तिगत पसंद के अनुसार फल, दूध और हल्के भोजन का सेवन कर सकते हैं।
- शाम को शिव मंदिरों में जाकर और विशेष आरती (दीपक लहराने की रस्म) और भजन (भक्ति गीत) में भाग लें।
सावन 2023 के महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार (Important Dates of Festivals and Vrat in Sawan Month 2023)
सावन आरंभ (Sawan Start) | 4 जुलाई, मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी | 6 जुलाई, गुरुवार |
कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2023) | 13 जुलाई, गुरुवार |
प्रदोष व्रत | 14 जुलाई, शुक्रवार |
सावन शिवरात्रि | 15 जुलाई, शनिवार |
कर्क संक्रांति | 16 जुलाई, रविवार |
श्रावण अमावस्या (Shravan Amvasya) | 17 जुलाई, रविवार |
पद्मिनी एकादशी | 29 जुलाई, शनिवार |
प्रदोष व्रत | 30 जुलाई,रविवार |
पूर्णिमा व्रत | 1 अगस्त, मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी | 4 अगस्त, शुक्रवार |
परम एकादशी | 12 अगस्त, शनिवार |
प्रदोष व्रत | 13 अगस्त, रविवार |
मासिक शिवरात्रि | 14 अगस्त, सोमवार |
अमावस्या | 16 अगस्त, बुधवार |
सिंह संक्रांति | 17 अगस्त, गुरुवार |
हरियाली तीज | 19 अगस्त, शनिवार |
नाग पंचमी | 21 अगस्त, सोमवार |
श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravan Putrada Ekadashi) | 27 अगस्त, रविवार |
प्रदोष व्रत 2 | 8 अगस्त, सोमवार |
ओणम/थिरुवोणम | 29 अगस्त, मंगलवार |
रक्षा बंधन | 30 अगस्त, बुधवार |
श्रावण पूर्णिमा (Shravan Purnima) | 31 अगस्त, गुरुवार |
सावन माह में इन मंत्रो को जपें –
महा मृत्युंजय मंत्र: “ओम त्रयम्बकं यजामहे, सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बंधनान, मृत्योर् मुक्षीय मामृतात्।”
ओम नमः शिवाय: इस शक्तिशाली मंत्र का जाप भगवान शिव की भक्ति के रूप में किया जाता है
कुल मिलाकर, श्रावण 2023 (shravan month 2023) एक बहुत ही खास महीना है जो आध्यात्मिक महत्व और उत्सवों से भरा है। यदि आप भगवान शिव के भक्त हैं, तो मैं आपको उनके साथ अपने संबंध को गहरा करने और दूसरों के साथ अपनी आस्था का जश्न मनाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।