नीलकंठ पक्षी neelkanth pakshi , का दर्शन प्राचीन कल से ही लाभदायक एवं दुर्लभ माना गया है। इस पक्षी के दर्शन होने से लोगों को अपने कार्य में सफलता प्राप्त होती है. और उनके घर में धन-धान्य तथा अनाज में भी बढ़ोतरी होती है.
नीलकंठ के दर्शन neelkanth ke darshan (देखने) के लिए कोई भी समय शुभ होता है चाहे सुबह हो या शाम, परन्तु ऐसा मन जाता है की दशहरे के दिन इसका दिखाना अत्यधिक शुभ होता है.
नीलकंठ पक्षी का पौराणिक महत्त्व (Neelkanth Pakshi Poranik Manytayein)। नीलकंठ पक्षी का दशहरे के दिखना
नीलकंठ पक्षी से जुडी ये गाथा त्रैता युग के समय की है, जब भगवान श्री राम को रावण का वध करने से पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। जिसके पश्चात प्रभु श्री राम को रावण के विरूद्ध युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी।
ऐसा माना जाता है की रावण वध करने से भगवन श्री राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था जिसके उपाय हेतु राम और लक्ष्मण दोनों ने मिलकर भगवान शिव की आराधना की थी और खुद को ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्त किया.माना जाता है की उस समय शिव जी ने भगवान राम को दर्शन देने के लिए नीलकंठ पक्षी का रूप धारण किया था
इसिलए जनश्रुति और धर्मशास्त्रों में नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही रूप माना है, और इसलिए दशहरे के दिन हर कोई नीलकंठ पक्षी के दर्शन अत्यधिक शुभ होता है।
नीलकंठ पक्षी के दर्शन से क्या होता है? (Neelkanth pakshi ke darshan se kya hota hai)
कहते हैं नीलकंठ पक्षी को अगर कोई कुंआरी रजस्वला स्त्री अपनी दाईं ओर उड़ते देख ले तो उसका विवाह शीघ्र ही होने की सम्भावना होती है
एक रौचक मान्यता ऐसी भी है अगर सामने उडऩे पर आपको अपने प्रिय के दर्शन होते हैं और वही ये नीलकंठ पक्षी अगर पीठ पीछे उड़े तो विश्वासघात मिलता है।
अगर कोई अविवाहित लड़की नीलकंठ को पाने सामने भूमि पर बैठा देख लेती है तो उस कन्या की मनोकामना शीघ्र पूरी होने वाली होती है
एक कहावत ऐसी भी है, नीलकंठ का जूठा फल खाने से मनवांछित लाभ, सौभाग्य वृद्धि एवं सुखमय वैवाहिक जीवन मिल सकता है
यही नहीं ये भी माना जाता है कि पुरुष का सामने से नीलकंठ का दिखना शुभ होता है और उड़ता हुआ नीलकंठ अगर दाएं भाग में दिखाई दे तो विजय-पराक्रम और अगर बाईं ओर हो तो शत्रुनाश होता है. इसी के साथ अगर पीछे के भाग का दर्शन दे तो दुःख होता है और अगर भूमि पर बैठा नीलकंठ दिखाई दे तो स्त्री शोक होता है.