श्री हनुमानजी के 12 नाम संस्कृत में अर्थ सहित | 12 Names of Lord Hanumana in Sanskrit with Meaning
1.श्री हनुमानाय नमः (Shri Hanumanaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को साहस, बल, और वीरता मिलती है।
यह नाम व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
प्रतिदिन इस नाम का 1111 बार जाप करने से शुभ फल मिलता है।
2.श्री हनुमते नमः (Shri Hanumate Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को सम्पत्ति, विद्या, और संतुष्टि मिलती है।
यह नाम भगवान के कृपा प्रसाद से सभी दुःखों का नाश करता है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
3.श्री वायुपुत्राय नमः (Shri Vayuputraya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को शक्ति, बुद्धि, और धैर्य प्राप्त होता है।
यह नाम व्यक्ति को भय के भाव से मुक्त करता है और सुख-शांति का संचार होता है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से रोगों से छुटकारा मिलता है।
4.श्री वायुनंदनाय नमः (Shri Vayunandanaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को ध्यान और मेधा शक्ति मिलती है।
यह नाम व्यक्ति को दुर्बलता से दूर रखता है और शक्तिशाली बनाता है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से विद्या में सफलता मिलती है।
5.श्री महावीराय नमः (Shri Mahaviraya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को पराक्रम, साहस, और निर्भयता मिलती है।
यह नाम भगवान की कृपा से भक्त को सभी मुश्किलों का सामना करने में सहायक होता है।
प्रतिदिन इस नाम का 111 बार जाप करने से शत्रुओं से विजयी होते हैं।
6.श्री हनुमत्-भक्त-वरदाय नमः (Shri Hanumat-Bhakta-Varadaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त की प्रार्थनाएं सिद्ध होती हैं और उन्हें भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
यह नाम भक्ति भाव से जाप करने से भगवान शिव हर इच्छा पूरी करते हैं।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
7.श्री महाबुद्धय नमः (Shri Mahabuddhaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को बुद्धि, ज्ञान, और विवेक मिलता है।
यह नाम व्यक्ति को अज्ञानता से मुक्ति दिलाता है और उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से विद्यार्थी को सफलता मिलती है।
8.श्री रामदूताय नमः (Shri Ramadutaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को श्री रामचंद्रजी की कृपा मिलती है।
यह नाम व्यक्ति को धर्म, कर्म, और भक्ति में समृद्धि प्रदान करता है।
प्रतिदिन इस नाम का 111 बार जाप करने से भगवान के आशीर्वाद से विकल्पों का समाधान होता है।
9.श्री पवनसुताय नमः (Shri PavanSutaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
यह नाम व्यक्ति को पाप से मुक्ति दिलाता है और उसे शुद्ध बनाता है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से शुभ फल प्राप्त होता है।
10.श्री पंचवदनाय नमः (Shri Panchavadanaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को विनय, भक्ति, और संतुष्टि मिलती है।
यह नाम व्यक्ति को अहंकार से मुक्ति दिलाता है और उसे हमेशा सत्य का मार्ग दिखाता है।
प्रतिदिन इस नाम का 108 बार जाप करने से मन की शुद्धि होती है और ध्यान में स्थिरता मिलती है।
11.श्री शूरसेनाय नमः (Shri Shurasenaya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को सौर्य और धैर्य की प्राप्ति होती है।
यह नाम व्यक्ति को सभी कठिनाईयों से समाधान करने की क्षमता प्रदान करता है।
प्रतिदिन इस नाम का 111 बार जाप करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
12.श्री योगिन्द्राय नमः (Shri Yogindraya Namah)
इस नाम का जाप करने से भक्त को योग और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
यह नाम व्यक्ति को माया से मुक्ति दिलाता है और उसे आत्मा का अनुभव होता है।
प्रतिदिन इस नाम का 111 बार जाप करने से भगवान के दिव्य दर्शन होते हैं और चित्त शुद्धि होती है।
ध्यान दें: श्री हनुमानजी के ये 12 नाम उनके भक्तों को भगवान के अनुग्रह से सम्पूर्ण विकास, सफलता, और शुभ फल प्रदान करते हैं। प्रतिदिन इन नामों का जाप करने से हमारी भक्ति साधना पूर्ण होती है और हम श्री हनुमानजी के अद्भुत आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।
साथ ही जानिए हनुमान की के 12 नाम हिंदी में | 12 Names of Shree Hanuman in Hindi
- महावीर (Mahavir)
- मारुतिनंदन (Marutinandan)
- वायुपुत्र (Vayuputra)
- पवनसुत (Pavansut)
- अंजनीसुत (Anjanisut)
- बजरंगबली (Bajrangbali)
- केसरिनंदन (Kesarinandan)
- अवियंकर (Aviyankar)
- लंकाप्रणेता (Lankapraneta)
- जामवंतप्रिया (Jamvantpriya)
- महाबली (Mahabali)
- पंचवदन (Panchvadan)
यह हनुमान जी के 12 प्रमुख नाम हैं, जिन्हें उन्हें उनके विभिन्न गुणों, कर्मों और अवतारों से जोड़ा जाता है। हनुमान जी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता माने जाते हैं और उन्हें शक्ति, वीरता, त्याग, वचनवद्धता और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। भगवान हनुमान के इन नामों का जाप करने से उनके भक्तों को शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
हनुमान जी के कुछ विशेष नामो के मंत्र :
1.॥ श्री ॐ हनुमते नमः का अर्थ ॥
ॐ हनुमते नमः एक प्रसिद्ध मंत्र है जो हनुमान जी को समर्पित है। यह मंत्र संसार के सभी कष्टों से मुक्ति और भक्त को शक्ति, साहस, और धैर्य का अनुभव कराता है। इस मंत्र के जाप से भक्त को भगवान हनुमान के अद्भुत कृपा का आनंद प्राप्त होता है।
॥ श्री ॐ हनुमते नमः मंत्र के लाभ ॥
ॐ हनुमते नमः का जाप करने से भक्त को भय, रोग, और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
यह मंत्र विद्या, विवेक, और बुद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।
भगवान हनुमान के आशीर्वाद से इस मंत्र का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
॥ श्री ॐ हनुमते नमः मंत्र के जाप की विधि ॥
सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त चुनें और साफ-सुथरे स्थान पर बैठें।
अपने मन को शुद्ध करने के लिए पूर्व में ध्यान करें।
अपनी संकल्पना करें कि आप ॐ हनुमते नमः का जाप कर रहे हैं और इससे भगवान हनुमान के अद्भुत कृपा का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
अब माला या जाप माला के साथ जाप करने की शुरुआत करें।
जाप के दौरान मन को एकाग्र करें और ध्यान रखें कि हर बार हर बीज मंत्र का जाप सावधानी से हो रहा हो।
दिन में कितनी बार जाप करना है इसे स्वयं के समय और अनुभव के अनुसार निर्धारित कर सकते हैं। ध्यान दें कि नियमित रूप से जाप करने से अधिक लाभ होता है।
॥ श्री ॐ हनुमते नमः दिन के अनुसार नाम ॥
सोमवार: श्री शिवाय नमः
मंगलवार: श्री वायुपुत्राय नमः
बुधवार: श्री वायुनंदनाय नमः
गुरुवार: श्री रामदूताय नमः
शुक्रवार: श्री हनुमत्-भक्त-वरदाय नमः
शनिवार: श्री महावीराय नमः
रविवार: श्री महाबुद्धय नमः
ध्यान दें: ॐ हनुमते नमः मंत्र का नियमित जाप करने से भक्त को श्री हनुमानजी के अद्भुत कृपा का आनंद मिलता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंत्र का जाप ध्यान, भक्ति, और श्रद्धा से करें ताकि भगवान हनुमान आपको सदैव सफलता, सुख, और संतुष्टि से भर दें।
2.॥ ॐ अंजनी सुताय नमः का अर्थ ॥
मंत्र “ॐ अंजनी सुताय नमः” का अर्थ है “अंजनी के पुत्र हनुमान जी को नमस्कार करते हैं।” यह मंत्र हनुमान जी को समर्पित है जो भक्त को भगवान हनुमान के आशीर्वाद से विशेष लाभ प्रदान करता है। हनुमान जी को अंजनी माता द्वारा जन्म दिया गया था और वे भगवान शिव और पवन देवता के अवतार माने जाते हैं।
॥”ॐ अंजनी सुताय नमः” मंत्र के लाभ ॥
ॐ अंजनी सुताय नमः का जाप करने से भक्त को सौभाग्य, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह मंत्र भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति और उच्च साहस देता है।
हनुमान जी के आशीर्वाद से इस मंत्र का जाप करने से भक्त को सर्वशक्तिमान बनने का सामर्थ्य मिलता है।
॥ “ॐ अंजनी सुताय नमः” दिन और जाप की विधि ॥
हनुमान जी का वार मंगलवार को होता है, इसलिए इस मंत्र का जाप इस दिन विशेष फलदायी होता है।
इस मंत्र का जाप शुभ मुहूर्त में करना चाहिए, जिससे भगवान हनुमान के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र का जाप करते समय पूर्व में ध्यान रखना चाहिए और मन को शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए।
एक बार मंत्र के 108 बार जाप करने से भक्त को शुभ फल प्राप्त होता है। ध्यान दें कि नियमित रूप से जाप करने से अधिक लाभ होता है।
॥ॐ अंजनी सुताय नमः का जाप करने की सावधानियां ॥
जिसे भी यह मंत्र जाप करना है, वह इसे शुद्ध चित्त से और विश्वास के साथ करें।
मंत्र का उच्चारण स्वच्छंद रूप से और ध्यानपूर्वक करें।
मंत्र जाप के दौरान मन को एकाग्र रखने का प्रयास करें और स्वयं को भगवान हनुमान के आग्रह से जुड़ा हुआ समझें।
इस तरह से, “ॐ अंजनी सुताय नमः” मंत्र का नियमित जाप करने से हम भगवान हनुमान के कृपा प्रसाद से सौभाग्य, सुख, और समृद्धि का आनंद प्राप्त करते हैं और उसके आशीर्वाद से हमें सभी कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। मंगलवार को इस मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है और नियमित रूप से जाप करने से उच्च लाभ मिलता है।
जाते जाते जानिए हनुमान जी से सम्बंधित कुछ सवालो के जवाब
1.हनुमानजी का प्रिय मंत्र क्या है ?
हनुमान जी का प्रिय मंत्र है “ॐ हं हनुमते नमः”।
यह मंत्र हनुमान जी को समर्पित है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करने से हनुमान जी के भक्तों को शक्ति, सुरक्षा, बुद्धि, धैर्य और भक्ति की प्राप्ति होती है। यह मंत्र भक्ति और श्रद्धा से जपने से हनुमान जी व्यक्ति के सभी कष्टों को दूर करके उन्हें सफलता और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करते हैं।
इसलिए, “ॐ हनुमते नमः” मंत्र को नियमित रूप से भक्ति भाव से जपने से हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है और व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
2.हनुमान जी का पहला और असली नाम क्या है ?
हनुमान जी का पहला और असली नाम “मारुति” है।
हनुमान जी को उनके मां माता अंजना ने पैदा किया था। उनके पैदा होने के समय, वायुदेव ने अपनी शक्ति से उन्हें जन्म दिया था। इसलिए उनका नाम “मारुति” रखा गया। मारुति का अर्थ होता है “मारुत” यानी हवा या वायु, क्योंकि वायुदेव के पुत्र के रूप में हनुमान जी का जन्म हुआ था।
वायुपुत्र मारुति, अर्जुन, पवनसुत और बजरंगबली जैसे विभिन्न नामों से भी हनुमान जी का जिक्र किया जाता है, परंतु उनका पहला और असली नाम होता है “मारुति”। इस नाम से ही उन्हें उनके भक्तों की दृष्टि में प्रसिद्धता हुई है और उन्हें पूजनीय बनाया गया है।