हिन्दू धर्म के अनुसार गीता हमें हर परेशानी और बाधा का समाधान दे सकती है इस प्राचीन ग्रंथ की सीखें आज भी समस्याओं का समाधान करने और व्यक्तित्व को सकारात्मक बनाने में मदद करती हैं
यहाँ पेश हैं गीता में कही गई ऐसी पांच बातें, जिन पर अमल करने से आपको हर क्षेत्र में जीत मिलेगी-
गीता के अनुसार व्यक्ति को स्व-विश्लेषण करना चाहिए। अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानकर हम अपने अंदर एक बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं।
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गीता क्रोध को नियंत्रित करने पर जोर देती है, क्योंकि यह भ्रम पैदा करता है, स्वयं के अच्छे स्वस्थ्य और सफलता के लिए गुस्से पर काबू पाना जरूरी है।
प्रायः हमारे दुःख मन द्वारा उत्पन्न अनावश्यक एवं निरर्थक इच्छाओं से उत्पन्न होते हैं। ये इच्छाएँ हमें हमारे लक्ष्यों और वांछित व्यक्तित्व गुणों से दूर ले जाती हैं। अतः अपने मन पर नियंत्रण अतिआवश्यक है
आत्म-जागरूकता अहंकार को नष्ट करती है और विकास को बढ़ावा देती है। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को आत्म-अन्वेषण को रचनात्मक और सकारात्मक सोच के साथ जोड़ना होगा।
गीता में कहा गया है कि व्यक्ति के कर्मों का परिणाम उन कर्मों के अनुरूप ही होता है। कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और परिणाम उसी के अनुरूप होंगे।