काशी विश्वनाथ अष्टकम (Kashi Vishwanath Ashtakam Stotram) भगवान शिव को समर्पित एक संस्कृत मंत्र है, जो वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान देवता हैं। यह स्त्रोत्र आठ श्लोकों से बना है, प्रत्येक में भगवान शिव के एक अलग पहलू की प्रशंसा की जाती है। इसे भगवान शिव के भक्तों द्वारा दुनिया भर में गाया जाता है, और माना जाता है कि जो लोग इसे भक्ति से सुनते या पढ़ते हैं उन्हें बहुत लाभ मिलते हैं।
स्तोत्र में भगवान शिव को विश्वनाथ (Kashi Vishwanath), यानी ब्रह्मांड का स्वामी कहा गया है. स्तोत्र में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है और उन्हें ब्रह्मांड का निर्माता, संहारक और संरक्षक कहा गया है. स्तोत्र में भगवान शिव को मोक्ष का दाता भी कहा गया है.
माना जाता है कि जो लोग इस स्तोत्र का पाठ करते हैं, उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को शांति, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त होता है.
काशी विश्वनाथ अष्टकम को आदि शंकराचार्य द्वारा रचित किया गया है कहा जाता है कि जब आदि शंकराचार्य पहली बार काशी गए थे, तो उन्होंने काशी विश्वेश्वर के मंदिर में विश्वनाथाष्टकम् द्वारा भगवान शिव की स्तुति की थी।
Vishwanath Ashtakam Lyrics in Hindi/Sanskrit | काशी विश्वनाथ अष्टकम हिंदी/संस्कृत में
गंगा तरंग रमणीय जटा कलापं
गौरी निरंतर विभूषित वाम भागं
नारायण प्रियमनंग मदापहारं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 1 ॥
वाचामगोचरमनेक गुण स्वरूपं
वागीश विष्णु सुर सेवित पाद पद्मं
वामेण विग्रह वरेन कलत्रवंतं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 2 ॥
भूतादिपं भुजग भूषण भूषितांगं
व्याघ्रांजिनां बरधरं, जटिलं, त्रिनेत्रं
पाशांकुशाभय वरप्रद शूलपाणिं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 3 ॥
सीतांशु शोभित किरीट विराजमानं
बालेक्षणातल विशोषित पंचबाणं
नागाधिपा रचित बासुर कर्ण पूरं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 4 ॥
पंचाननं दुरित मत्त मतंगजानां
नागांतकं धनुज पुंगव पन्नागानां
दावानलं मरण शोक जराटवीनां
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 5 ॥
तेजोमयं सगुण निर्गुणमद्वितीयं
आनंद कंदमपराजित मप्रमेयं
नागात्मकं सकल निष्कलमात्म रूपं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 6 ॥
आशां विहाय परिहृत्य परश्य निंदां
पापे रथिं च सुनिवार्य मनस्समाधौ
आधाय हृत्-कमल मध्य गतं परेशं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 7 ॥
रागाधि दोष रहितं स्वजनानुरागं
वैराग्य शांति निलयं गिरिजा सहायं
माधुर्य धैर्य सुभगं गरलाभिरामं
वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाथम् ॥ 8 ॥
वाराणसी पुर पते स्थवनं शिवस्य
व्याख्यातं अष्टकमिदं पठते मनुष्य
विद्यां श्रियं विपुल सौख्यमनंत कीर्तिं
संप्राप्य देव निलये लभते च मोक्षम् ॥
विश्वनाथाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेः शिव सन्निधौ
शिवलोकमवाप्नोति शिवेनसह मोदते ॥
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Vishwanath Ashtakam Lyrics in English
Ganga tharanga ramaneeya jata kalapam
Gowri niranthara vibhooshitha vama bhagam
Narayana priya mananga madapaharam
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 1 ||
Vachamagocharamanekaguna swaroopam
Vageesa Vishnu sura sevitha pada padmam
Vamena vigraha varena kalathravantham
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 2 ||
Bhoothadhipam bhujaga bhooshana bhooshithangam
Vygrajinambaradharam jatilam trinethram
Pasungusa bhaya vara pradha soola panim
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 3 ||
Seethamsu shobitha kireeta virajamanam
Balekshananila visoshitha pancha banam
Nagadhiparachitha basaura karma pooram
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 4 ||
Panchananam durutha matha mathangajanaam
Naganthagam danuja pungava pannaganam
Davanalam marana soka jarataveenam
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 5 ||
Thejomayam suguna nirgunamadweetheeyam
Anandakandamaparajithamaprameyam
Nagathmakam sakala nishkalamathma roopam
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 6 ||
Aasam vihaya parihruthya parasya nindam
Pape rathim cha sunivarya mana samadhou
Aadhaya hruth kamala Madhya gatham paresam
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 7 ||
Ragadhi dosha rahitham sujananuraga
Vairagya santhi nilayam girija sahayam
Madhurya dhairya subhagam garalabhi ramam
Varanasi pura pathim Bhajhe Viswanadham || 8 ||
Varanasi pura pathe sthavanam sivasya
Vyakhyathamashtakamitham patahe manushya
Vidhyam sriyaam vipula soukhya manantha keerthim
Samprapya deva nilaye labhathe cha moksham ||
visvanādhastakamidam puṇyaṃ yaḥ paṭheḥ siva sannidhau
sivalokamavapnoti sivenasaha modate ||
काशीविश्वनाथ अष्टकम (Kashi Vishwanathashtakam) एक सुंदर और शक्तिशाली स्त्रोत्र है स्त्रोत्र भगवान शिव की महानता और उनके कई आशीर्वाद की बखान करता है। अगर आप भगवान शिव से जुड़ने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का तरीका खोज रहे हैं, तो भक्तिभाव से काशीविश्वनाथ अष्टकम सुने या पढ़े।
|| जय श्री काशी विश्वनाथ || || हर हर महादेव ||