कल्कि (Kalki) भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक और अंतिम अवतार माने जाते हैं जो भगवत पुराण में उल्लिखित हैं की भविष्य में भगवान विष्णु कलयुग के अंत में कल्कि के रूप में अवतार लेंगे, जिनका उद्देश्य अधर्म का नाश करना और धर्म की रक्षा करना होगा। कल्कि (Kalki) कलयुग में वर्तमान युग में, बुराई का पूर्ण नाश और धर्म की स्थापना करेंगे।
कल्कि जयंती Kalki Jayanti 2023 कब है ?
इस साल 2023 में कल्कि जयंती 22 अगस्त को है, हिंदी कैलेंडर (Hindi Calander) के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के छठे दिन ,श्रावण शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को होगा।
मुहूर्त : 04:18 बजे से 06:54 तक
कल्कि जयंती कब मनाई जाती है?
कल्कि जयंती (Kalki Jayanti) का आयोजन विशेष तिथियों पर किया जाता है, लेकिन यह सटीक तारीख नहीं है। भारतीय पंचांग के अनुसार, भगवान कल्कि का आगमन विशेष मुहूर्तों में होता है, जो उनके आदर्श और दिव्यता को मानते हुए किया जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के छठे दिन ,श्रावण शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को होगा।
कल्कि क्या करेंगे?
कल्कि भगवान (Lord Kalki) अधर्म को समाप्त करके धर्म की रक्षा करेंगे। वे अधर्मियों को सजग करके धर्म और सत्य की विजय करेंगे। कल्कि कलयुग में वर्तमान युग में , बुराई का पूर्ण नाश और धर्म की स्थापना करेंगे।
कहाँ और कैसे प्रकट होंगे कल्कि?
कल्कि पुराण (Kalki Purana) और भागवत पुराण (Bhagwat Purana) हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में से हैं, जिनमें भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में बताया गया है। इन पुराणों में वर्णित यह विशेष अवतार एक भविष्यत् की घटना का वर्णन करते हैं जो भगवान विष्णु के द्वारा किया जाएगा।
कल्कि अवतार (Kalki Incarnation) के बारे में भागवत पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु अपने कल्कि अवतार में संभला गांव (संभल गांव) में प्रकट होंगे। यह अवतार किसी युग में आकर धर्म की रक्षा करने के लिए होता है और अधर्म को समाप्त करने का काम करता है। कल्कि अवतार को धरती पर आने से पहले के युगों में हो चुका होने की भी मान्यता है।
इसी प्रकार, हिन्दू धर्म में कुछ वर्ग ऐसे हैं जो मानते हैं कि अवतार पहले ही हो चुका है, अर्थात् भगवान के कल्कि अवतार का कार्य बित चुका है। यह विशेषतः किसी विशिष्ट सम्प्रदाय या धार्मिक समुदाय की धाराओं और विश्वासों पर आधारित हो सकता है।
कल्कि अवतार के बारे में यह जानकारी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों से प्राप्त होती है, और यह विशेष धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है जो भारतीय संस्कृति में मौजूद है।
कल्कि जयंती के दिन क्या करें?
कल्कि जयंती (Kalki Jayanti) के दिन आप भगवान कल्कि की पूजा करें, उनके आदर्शों का पालन करें, और उनके आगमन की महत्वपूर्णता को समझने का प्रयास करें। ध्यान और मनन से आप उनके उद्देश्य को समझ सकते हैं और अपने जीवन को धार्मिक मार्ग पर दिशा देने का प्रयास कर सकते हैं।
दक्षिण भारत में विष्णु को समर्पित मंदिरों में विशेष पूजा और प्रार्थनाएँ की जाती हैं, इसका मुख्य कारण वैष्णव संप्रदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। कट्टर वैष्णव भक्त अक्सर ‘कल्कि पुराण’ और ‘श्रीमद्भागवत पुराण’ के पाठ करते हैं, जिनमें विष्णु के अवतारों का वर्णन होता है।
इस विशेष दिन, व्यक्ति को अपने द्वारा किए गए विभिन्न पापों के बारे में चिंतन करना चाहिए। यह दिन एक नई शुरुआत का अवसर होता है, क्योंकि व्यक्ति अपने गलतियों को स्वीकारते हुए उन्हें सुधारने और सबक सिखने का संकेत प्राप्त करता है। यह एक प्रकार की मानसिक शुद्धि का मोमेंट होता है, जिससे व्यक्ति आगामी दिनों में बेहतर बनने की संकेत मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्यक्ति की प्रार्थना और साधना का विशेष महत्व होता है, जो उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।