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माता पार्वती से शादी करने के लिए किस रूप में पहुंचे थे भगवान शिव?

कई पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती और महादेव के प्रेम को असीम और अनन्‍य बताया गया है।

भगवान शिव जब माता पार्वती से शादी करने पहुंचे तो उनके साथ संपूर्ण जगत के भूत-प्रेत भी थे। इसके अलावा डाकिन्यां, शाकिनियां भी शिव जी की बारात में शामिल थीं।

उन्होंने ने ही भोलेनाथ का भस्म से श्रृंगार किया। हड्डियों की माला पहनाई। शिव जटाधारी रूप में थे और उनके बाल भी उलझे हुए थे।

सिर से पैर तक वह राख में लिपटे हुए थे और हाथों में थी खून टपकती चमड़ी की शाल उनके शरीर पर थी।

इस अनोखी बारात को देखकर माता पार्वती की मां(रानी मैना देवी ) हैरान रह गईं और वह बेहोश हो गई थी। उन्होंने अपनी बेटी का विवाह करने से इंकार कर दिया।

पार्वती ने जब अपनी मां को देखा कि वह बेहोश हो गई हैं तो उन्होंने शिव से विनती करते हुए कहा, "आप तो जैसे भी हैं, मुझको फर्क नहीं पड़ता।

मैं तो केवल आपसे प्यार करती हूं, लेकिन मेरी मां के लिए ऐसा रूप धारण कर लीजिए कि लोग आपको देखते रह जाएं।"

इसके बाद शिव जी इतना खूबसूरत रूप धारण किया जो संसार में सबसे सुंदर था।

बारात को भी वह सजाकर माता पार्वती के द्वार पर पहुंचे।इसके बाद सृष्टि रचयिता श्री ब्रह्मा जी की मौजूदगी में देवी पार्वती और भोलेनाथ का विवाह संपन्न हुआ।

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