तुलसी पत्ते की माला भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और हनुमान जी को बहुत प्रिय है। भक्त जब भी भगवान का श्रृंगार करते हैं या उनके दर्शन के लिए जाते हैं तो उन्हें तुलसी की माला जरूर पहनाते हैं।
तुलसी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पौधे में से एक माना गया है। सुबह-शाम घरों में इस पौधे की पूजा और दीप दिखाया जाता है। भगवान विष्णु के सभी स्वरूप को तुलसी पत्र प्रिय है।
बता दें कि भगवान श्री कृष्ण, विष्णु जी और हनुमान जी की पूजा तुलसी के बिना अधूरी है। तभी तो उनकी दैनिक पूजा के दौरान फूल माला के साथ तुलसी की पत्ती और मंजरी भी चढ़ाई जाती है।
तुलसी के पत्ते और मंजरी को कभी भी सुई से छेदकर नहीं गूंथना चाहिए। तुलसी और उसकी मंजरी में देवी तुलसी महारानी का वास होता है।
जब आप तुलसी की पत्ते को सुई से छेदते हैं, तो उन्हें कष्ट होता है। ऐसे में कभी भी तुलसी के पत्तों को किसी भी चीज से छेदकर माला नहीं बनाना चाहिए।
आप तुलसी पत्ते के डंठल को धागे से बांधते जाएं और गुच्छेदार माला बना सकते हैं, वह भी बिना सुई के इस्तेमाल के।
तुलसी के पत्तों को सुई से छेदकर जब आप माला बनाते हैं, तो आपको पुण्य के बजाए पाप चढ़ता है। साथ ही भगवान भी आप से नाराज हो सकते हैं।
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