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चिताई गोलू देवता मंदिर और रहस्यमयी कहानी। Chitai Golu Devta Temple Story and Mystery

चिताई गोलू देवता मंदिर (Chitai Golu Devta Temple Uttarakhand), उत्तराखंड के एक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो कुमाऊँ के एल्मोरा जिले में स्थित है। यह मंदिर गोलू देवता को समर्पित है, जिन्हें यहां स्थानीय लोग गोलू भी कहते हैं। गोलू देवता उत्तराखंड के प्रसिद्ध देवता में से एक हैं और उन्हें न्याय के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।

गोलू देवता को स्थानीय संस्कृति में सबसे बढ़ा तत्वि न्यायी के रूप में माना जाता हैं साथ ही राजवंशी देवता के रूप में माना जाता है

गोलू देवता का मंदिर कहां है?

चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर है।और गोलू मंदिर दिल्ली से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

मंदिर की स्थापना का इतिहास प्राचीन है और इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। गोलू देवता को मुख्य रूप से धन, संपत्ति और न्याय के देवता के रूप में माना जाता है। भक्तों को विशेष रूप से चिट्ठियों लिखने की परंपरा है, जिसमें वे अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं और उन्हें गोलू देवता के सामने रखते हैं। कहते हैं कि जब भी वे चिट्ठी पढ़ते हैं, तो उनकी मनोकामना पूरी होती है और न्याय मिलता है। इसलिए, लोग अपनी समस्याओं और मनोकामनाओं के लिए इस मंदिर को बहुत श्रद्धा भाव से आते हैं।

इस मंदिर में गोलू देवता के साथ ही उनके भाई कल्युगी भी पूजे जाते हैं, जिन्हें बूढ़ा कोलू भी कहा जाता है। दोनों भाई एक साथ यहां आवास करते हैं और मान्यता है कि वे लोगों की समस्याओं को सुलझाते हैं और उनके दुखों को हरते हैं।

Chitai Golu Devta Temple History in Hindi | गोलू देवता की कहानी

chitai golu dev temple

गोलू देवता का इतिहास प्राचीन है और इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। गोलू देवता को उत्तराखंड के प्रसिद्ध देवता में से एक माना जाता है और उन्हें धन, संपत्ति, और न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है।

कथाओं के अनुसार, गोलू देवता (Golu Devta) एक राजपूत राजा थे, जो बड़े धर्मी और न्यायप्रिय थे। उनकी शक्तिशाली और न्यायी शासन का लोकप्रिय इतिहास है। उनके न्यायप्रिय शासन के चलते उन्हें गोलू देवता के रूप में पूजा जाने लगा।

एक कथा के अनुसार, गोलू देवता ने अपने राज्य में न्याय की रक्षा करने के लिए एक न्यायिका को बहुत बड़ी सजा सुनाई। इस सजा के बाद, उस न्यायिका के परिवार ने गोलू देवता की प्रतिमा को बनाकर उन्हें पूजा करने का फैसला किया। उसके बाद से ही गोलू देवता को यहां पूजा जाने लगा और आज भी लोग उन्हें अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रार्थना करते हैं।

गोलू देवता मंदिर में लोग अपनी समस्याओं को हल करने के लिए धार्मिक भाव से आते हैं। गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में माना जाता है और लोग चिट्ठियों में अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं और उन्हें मंदिर के पास रखते हैं। कहते हैं कि जब वे चिट्ठी पढ़ते हैं, तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और न्याय मिलता है।

गोलू देवता के इस मंदिर के विवाद के बारे में पिछले समय में खबरें आई थीं, जिसमें महाराजा ट्रिगरी ने मंदिर को अपने अधिकार में लिया था। इससे स्थानीय लोग नाराज थे और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था। बाद में सरकारी निदेशक ने मंदिर को फिर से स्थानीय लोगों को सौंप दिया था और इससे विवाद समाप्त हो गया था। वर्तमान में, इस मंदिर को धार्मिक भाव से लोग दर्शन करते हैं और गोलू देवता के आशीर्वाद की कामना करते हैं।

Chitai Golu Devta Temple Timings

गोलू देवता के इस मंदिर का समय खुलने और बंद होने का विशेष समय होता है। यह सुबह 6 बजे खुलता है और दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है। फिर शाम को दोपहर 3 बजे से शाम 8 बजे तक फिर से खुल जाता है।

गोलू देवता का चमत्कार | Almora Golu Devta Temple Famous For?

chitai golu dev temple bells

इस मंदिर के आसपास कई रहस्यमयी और चमत्कारिक घटनाएं भी होती हैं। कहते हैं कि जिन लोगों की मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं, उन्हें गोलू देवता अपने सपने में आकर बता देते हैं कि उनके चिट्ठी लिखने का समय आ गया है और जब उन्होंने चिट्ठी लिखी, तो उनकी मनोकामना पूरी हो गई। यह घटना लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है और इसे विश्वास की दृष्टि से देखा जाता है।

गोलू देवता को स्थानीय संस्कृति में सबसे बढ़ा तत्वि न्यायी के रूप में माना जाता हैं साथ ही राजवंशी देवता के रूप में माना जाता है

उन्हें उत्तराखंड में कई नामो से जाना जाट हैं गोलू देवता को भगवन शिव का रूप माना जाता है , मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ाई जाती है मंदिर में घंटी।

इस मंदिर में देश अथवा विदेशो से भी भक्त आते है। यहाँ चढ़ाई घंटियों को देख कर ही यह अंदाजा लग जाता है की जहा ए भगतों की मनोकामना जरूर पूर्ण होती है अगर सच्चे दिल के माँगा होतो।

मन्नत पूर्ण और न्याय प्राप्ति के लिए लिखना पढता है पत्र ।

How to reach Golu Devta Temple?

चिताई गोलू देवता मंदिर, उत्तराखंड पहुंचने के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:

रेलवे: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन एल्मोरा है। इसके बाद, आप टैक्सी, बस या ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल करके गोलू देवता मंदिर पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग: पंतनगर हवाई अड्डा उत्तराखंड के निकटतम वायुयान स्थल है। यहां से आप टैक्सी या बस के जरिए गोलू देवता मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

बस: उत्तराखंड राज्य के कई शहरों से आप बस का इस्तेमाल करके गोलू देवता मंदिर पहुंच सकते हैं। एल्मोरा, नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, और देहरादून से आप बस से यहां जा सकते हैं।

खास चिताई बस सेवा: आप एल्मोरा से खास चिताई बस सेवा का इस्तेमाल करके सीधे गोलू देवता मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह बस आम तौर पर प्रातः 7 बजे रवाना होती है और शाम को वापस जाती है।

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