क्या है पितृ पक्ष में कौवे को खाना देने के पीछे का वैज्ञानिक कारण!
श्राद्ध पक्ष में कौओं का बड़ा ही महत्व है। कहते है कौआ यम का प्रतीक है, यदि आपके हाथों दिया गया भोजन ग्रहण कर ले, तो ऐसा माना जाता है कि पितरों की कृपा आपके ऊपर है और वे आपसे ख़ुश है।
कुछ लोग कहते हैं की व्यक्ति मरकर सबसे पहले कौवे के रूप में जन्म लेता है और उसे खाना खिलाने से वह भोजन पितरों को मिलता है शायद हम सबने अपने घर के किसी बड़े बुज़ुर्ग, किसी पंडित या ज्योतिषाचार्य से ये सुना होगा।
वे अनगिनत किस्से सुनाएंगे, कहेंगे बड़े बुज़ुर्ग कह गए इसीलिए ऐसा करना
शायद ही हमें कोई इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण बता सके।
हमारे ऋषि मुनि और पौराणिक काल में रहने वाले लोग मूर्ख नहीं थे! कभी सोचियेगा कौवों को पितृ पक्ष में खिलाई खीर हमारे पूर्वजों तक कैसे पहुंचेगी ?
हमारे ऋषि मुनि विद्वान थे, वे जो बात करते या कहते थे उसके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण छुपा होता था। एक बहुत रोचक तथ्य है पितृ पक्ष, भादो( भाद्रपद) प्रकृति और काक के बीच।
एक बात जो कह सकते कि हम सब ने स्वतः उग आये पीपल या बरगद का पेड़/ पौधा किसी न किसी दीवार, पुरानी इमारत, पर्वत या अट्टालिकाओं पर ज़रूर देखा होगा, है न?
ज़रा सोचिये पीपल या बरगद की बीज कैसे पहुंचे होंगे वहाँ तक? इनके बीज इतने हल्के भी नहीं होते के हवा उन्हें उड़ाके ले जा सके।
कुछ लोगो को आश्चर्य होगा पर पीपल और बरगद के बीज यहाँ से वहाँ पहुंचाने के काम में सबसे बड़ा हाथ हमारे काक (crow) महाराज का है।
अब सोचिये कैसे ? पीपल और बरगद दोनों वृक्षों के फल कौवे खाते हैं और उनके पेट में ही बीज की processing होती है, कठोर बीज थोड़ा नरम होता है और तब जाकर बीज उगने लायक होते हैं।
उसके पश्चात कौवे जहां-जहां बीट करते हैं, वहां वहां पर यह दोनों वृक्ष उगते हैं। है न अद्भुत पारिस्थितिक तंत्र, जिसे हम eco-system भी कहते है।
कितनी अद्भुत है प्रकृति की बरगद या पीपल लगाने की व्यवस्था।
कौवे का महत्व तो पता चला !
अब सोचें पीपल-बरगद में ऐसा क्या है और पितृ पक्ष से कौवे का क्या सम्भन्ध ! हमारे शास्त्रों में बरगद-पीपल को पूजनीय बताया है।
एक तरफ सुहागन महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार कर वट सावित्री का व्रत रख कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, ऐसी मान्यता है की इससे उनके परिवार को दीर्घायु मिलती ।
दूसरी तरफ पीपल का काटना वर्जित मन गया है, क्यूंकि यम का वास होता है पीपल में।
पीपल जगत का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो round-the-clock ऑक्सीजन छोड़ता है और बरगद के औषधीय गुण अपरम्पार है।एक बरगद दस पेड़ो के बराबर होता है
अगर ये पेड़ रहेंगे तो परिवार क्या सम्पूर्ण जगत की उम्र बढ़ेगी, प्रकृति में ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में होगी तो हर जीव का जीवन काल बड़ा होगा।