अपने सीने में बसा लिया जिसमें प्रभु श्री राम को
ऐसी प्रभु भक्ति ना देखी , है नमन भक्त हनुमान को। ।
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लीला रचने वाले को राजाराम कहते हैं
संकट हरने वाले को राम भक्त हनुमान कहते हैं। ।
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कण-कण में शिव का वास है जन-जन में व्याप्त श्री राम
मां जानकी हृदय बिराजे , मन को भावे श्री हनुमान। ।
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दुनिया की रचना जो करें कहते उसे भगवान हैं
दीन दुखियों की जो पीड़ा हरे वही तो हनुमान है। ।
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मां अंजनी के लाल तेरी लीला बड़ी कमाल
जो ध्यावे मनसे तुझको हो जावे वो निहाल। ।
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दुख दरिद्र निकट नहीं आता
जो हनुमंत के रंग, रंग जाता। ।
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दुनिया की जो रचना करें उसे सब भगवान कहते हैं
जो दुनिया वालों की रक्षा करें उसे हनुमान कहते हैं। ।
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लाल शरीर पर जो लाल रंग का लेप करते हैं
हाथों में वज्र धारण करते हैं और दैत्यों का संघार करते हैं
ऐसे कपि वीर अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। ।
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अर्ज मेरी सुनो अंजनी के लाल, काट दो मेरे घोर दुखों का जाल,
तुम हो मारुति नंदन दुख भंजन, करूं मैं आपको दिन-रात वंदन।
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विश्वास में जिसके जीत है फिर क्यों लगाए अनुमान
भक्त वह निर्भय है जिसका ईश्वर है हनुमान।
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चरण शरण में आयें के धरु तिहारो ध्यान,
संकट से रक्षा करो हे महावीर हनुमान।
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फिक्र करना ही क्यों, फिक्र से होता हैं क्या
भरोसा रखो “बजरंग” पर फिर देखो होता हैं क्या ?
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दुनिया वालो ने तो बहुत कोशिश की हमें रुलाने की..
मगर पवन पुत्र ने जिम्मेदारी उठा रखि है हमें हँसाने की।