साल में 24 एकादशी व्रत होती हैं। लेकिन आश्विन मास की एकादशी विशेष महत्वपूर्ण होती है। पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) पर श्राद्ध करना भी विशेष महत्व रखता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि श्राद्ध के दिनों में विष्णु की पूजा करके पूर्वजों को संतुष्ट किया जा सकता है। इंदिरा एकादशी को पितृ पक्ष एकादशी के नाम से भी जाना जाता है
हिन्दू धर्म में इंदिरा एकादशी को पितरों का मुक्ति का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान् विष्णुका व्रत और पूजा पाठ रखने से पूर्वजों की 7 पीढ़िया तृप्त हो जाती हैं
कहा जाता है कि इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) के दिन व्रत करने से मनुष्य को यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता.
इंदिरा एकादशी 2023 | Indira Ekadashi 2023 Date
पितृ पक्ष का आरंभ 29 सितंबर 2023 से हो रहा है. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) 10 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा.
इंदिरा एकादशी 2023 तिथि एवं मुहूर्त | Indira Ekadashi 2023 Muhurat
तिथि | प्रारम्भ | समापन |
इंदिरा एकादशी 2023 तिथि | 9 अक्टूबर 2023, दोपहर 12:36 बजे | 10 अक्टूबर 2023, दोपहर 03:08 बजे |
विष्णु पूजा का समय
विष्णु पूजा | 10 अक्टूबर 2023, सुबह 09:13 बजे से दोपहर 12:08 बजे तक |
व्रत पारण समय | 11 अक्टूबर 2023 को सुबह 06.19 से सुबह 08 बजकर 39 मिनट तक |
इंदिरा एकादशी व्रत और पूजा विधि | Indira Ekadashi Vrat Puja Vidhi
1. व्रत का संकल्प
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान विष्णु के सामने व्रत और पूजा का संकल्प लें। संकल्प में पितरों को भी इस व्रत का पुण्य देने की बात कहें।
2. शालिग्राम की पूजा
इसके बाद भगवान शालग्राम की पूजा करें। भगवान शालग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं। पूजा में अबीर, गुलाल, अक्षत, यज्ञोपवीत, फूल होने चाहिए। इसके साथ ही तुलसी पत्र जरूर चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी पत्र के साथ भोग लगाएं।
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3. एकादशी की कथा और आरती
एकादशी की कथा पढ़ें और आरती करें। इसके बाद पंचामृत वितरण कर, ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा दें। इस दिन पूजा तथा प्रसाद में तुलसी की पत्तियों का (तुलसी दल) का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाता है।
विशेष
- इंदिरा एकादशी पितृ पक्ष में आती है, इसलिए इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और व्रत करना भी बहुत लाभदायक होता है।
- इस दिन विधिवत व्रत और पूजा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और व्रत करने वाले को भी बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
अतिरिक्त जानकारी
- इस दिन फलाहार करना चाहिए।
- इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है।
- इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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इंदिरा एकादशी व्रत महत्व | Indira Ekadashi Vrat Significance
पद्म पुराण के अनुसार, इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) का व्रत करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और व्रत करने वाले को बैकुंठ प्राप्ति होती है।
इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) पितृ पक्ष में आती है, इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और व्रत करने से उनके लिए पुण्य का फल प्राप्त होता है। यह पुण्य उनकी आत्मा को शांति प्रदान करता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करता है।
पद्म पुराण के अनुसार, इस एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के सात पीढ़ियों तक के पितृ तर जाते हैं। इसका अर्थ है कि उनके पितृ मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं और उन्हें पुनर्जन्म नहीं होता है।
इंदिरा एकादशी का व्रत (Indira Ekadashi Vrat) करने और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। बैकुंठ धाम भगवान विष्णु का निवास स्थान है। इस धाम में जाने वाले व्यक्ति को सदा सुख और आनंद प्राप्त होता है।
पुराणों में बताया गया है कि जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और उससे अधिक पुण्य एकमात्र इंदिरा एकादशी व्रत करने से मिल जाता है। इसका अर्थ है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
इस प्रकार, इंदिरा एकादशी का व्रत (Indira Ekadashi Vrat) एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण व्रत है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और व्रत करने से उनके लिए पुण्य का फल प्राप्त होता है और व्रत करने वाले को भी लाभ होता है।
इंदिरा एकादशी पर क्या चीज़े दान करना चाहिए?
अश्विन महीने की एकादशी को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) कहा जाता है। इस दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन घी, दूध, दही और अन्न का दान करने से पितरों को प्रसन्नता मिलती है। साथ ही, दान करने वाले व्यक्ति को भी पुण्य प्राप्त होता है।
किन चीजों का दान करें
इंदिरा एकादशी पर निम्नलिखित चीजों का दान करना चाहिए:
- घी: घी का दान करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
- दूध: दूध का दान करने से धन लाभ होता है।
- दही: दही का दान करने से सेहत अच्छी रहती है।
- अन्न: अन्न का दान करने से भूख से मुक्ति मिलती है।
दान करने का तरीका
दान करने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं या किसी अन्न भंडार में दान करें। आप चाहें तो किसी धर्मशाला या गौशाला में भी दान कर सकते हैं।
दान का महत्व
दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और दान करने वाले व्यक्ति को भी पुण्य प्राप्त होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
दान के लाभ
दान करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- पितरों को प्रसन्नता मिलती है।
- पुण्य प्राप्त होता है।
- सुख, समृद्धि और शांति आती है।
- धन लाभ होता है।
- सेहत अच्छी रहती है।
- दान करने का समय
इंदिरा एकादशी के दिन दान करना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन, आप किसी भी दिन दान कर सकते हैं।