कोराडी माता मंदिर, नागपुर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है यहाँ माता अपना रूप बदलती हुई दिखाई देती हैं। इस मंदिर में माता दुर्गा (माँ जगदम्बा ) को पूजा जाती है आइये जानते है मंदिर से जुड़े तथ्यों और सवालों के जवाब-
Koradi Mata Temple : कोराडी माता मंदिर नागपुर
कोराडी माता मंदिर (Koradi Mata Temple) एक पवित्र स्थान है, जो शक्ति और सौभाग्य की प्रतीक है। मंदिर का स्थान एक प्राकृतिक सुंदर वातावरण में है, जिसका परिक्रमण करते समय भक्तों को धार्मिक आनंद का अनुभव होता है। मंदिर का वास्तुकला भी श्रेष्ठ है, जो इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल बनाती है।
देवी लक्ष्मी की विशाल मूर्ति को मुकुट से सजाया गया है। वह आभूषण पहनती है और साड़ी या पारंपरिक महाराष्ट्रीयन पोशाक भी । मूर्ति का मुख्य आकर्षण उसका विशाल सौम्य चेहरा है। माता को अत्यधिक नारियल, लाल वस्त्र , और आरती की थाल चढ़ाई जाती है।
Where is Koradi Mata Temple Located?
कोराडी देवी मंदिर नागपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर नागपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान पोस्ट कोरडी कॉलोनी, कामठी तालुका, कोरडी, नागपुर, महाराष्ट्र – 441111
Koradi Mata Temple Timings
कोराडी देवी मंदिर सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
कोराडी देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय नवरात्री का है जो सितम्बर – अक्टूबर मास का है।
How to Reach Koradi Temple? कोराडी माता मंदिर पहुंचने का सही मार्ग
हवाई जहाज के माध्यम से : निकटतम हवाई अड्डा डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर है, जो 21 किमी दूर है।
ट्रैन : निकटतम सुविधाजनक रेलवे स्टेशन नागपुर रेलवे स्टेशन है, जो 15 किलोमीटर दूर है।
सड़क द्वारा : निकटतम प्रमुख शहर नागपुर है, जो 13 किमी दूर है।
Koradi Mandir Nagpur History in Hindi | कोराडी मंदिर का इतिहास
कोराडी माता मंदिर का इतिहास प्राचीनकाल में जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार, यहां माता कोरडी ने देवी दुर्गा के रूप में अपना आविर्भाव किया था। धार्मिक लोग इसे माता का एक अलौकिक रूप मानते हैं और उनकी शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंदिर का दर्शन करते हैं।
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कोराडी माता कौन है?
कोराडी माता मंदिर नागपुर माता दुर्गा के एक रूप माँ जगदंबा को समर्पित है। इस मंदिर में एक शक्ति पीठ का महत्व है। इस मंदिर में श्री महालक्ष्मी जगदम्बा की मूर्ति विराजमान है, जो स्वयंभू मूर्ति है।
युग पहले कोराडी माता मंदिर को जाखपुर का मंदिर के नाम से भी जाना जाता था। यहाँ के राजा झोलन के सात बेटे थे। वह दुखी था की उसकी कोई बेटी नहीं है और उन्होंने यज्ञ , तपस्या और देवी से अनुरोध किया की उन्हें एक बेटी का आशीर्वाद प्रदान करे।
दिव्या सौन्दर्य वाली एक बेटी उन्हें आशीर्वाद के रूप में प्रदान हुई। बेटी को पहली बार देखने के बाद राजा को लगा की आदि शक्ति के रूप में उनकी बेटी उन्हें प्राप्त हुई है। राजा की बेटी ने अपनी दिव्या शक्तियों से राजा को सही मार्गदर्श दिखाए और उन्नति की ओर उन्हें बढ़ावा दिया।
Who made Koradi Mandir?
यह देवी महात्म्यम की केंद्रीय देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। कोराडी माता मंदिर का निर्माण 1831 में एक हिंदू व्यापारी धाकजी दादाजी (1760-1846) द्वारा किया गया था।
Koradi Temple Mystry and Miracle | कोराडी माता के रहस्य और चमत्कार
यह मंदिर प्रसिद्द क्यों हैं ?
इस मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते है, यह माना जाता है की नवरात्रि पर्व के दौरान माँ जीवन के अलग अलग तीन रूप में अवतरित होती हैं , सुबह एक छोटी कन्या के रूप में , दोपहर में स्त्री और रात्रि में एक बूढी माता के रूप में दिखाई देती हैं।
उनके यह बदलते रूप को देखने के लिए आपको पूरे समय मंदिर में व्यतीत करना पढ़ेगा। और ध्यान से माता को अवलोकन करना पढ़ेगा।
यह माना जाता है कि कोराडी माता (Koradi Mata) या देवी श्री महालक्ष्मी जगदम्बा असाध्य रोगों को ठीक करती हैं और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं। वह अपने बच्चों को शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
कोराडी माता मंदिर की वास्तुकला (Architecture)
यह एक छोटी पहाड़ी मंदिर है , परिवेश में एक कुंड और गौमुख शामिल है , जल की शीतल धाराऔर रंगोली के पत्थर आज भी यहाँ मिलते है। जो इसे एक अद्भुत और आकर्षक स्थान बनाता है। इसकी संरचना में संतुलन, श्रृंगार, और सुंदर चित्रों के साथ वास्तुकला की खूबसूरती भक्तों को मंत्रमुग्ध करती है। इसके संगमरमर और पत्थर की मूर्तियां, आकर्षक जलस्तंभ और छत्री भक्तों को अपनी अद्भुत शृंगार और सुंदरता से प्रभावित करते हैं।
Conclusion:
कोराडी देवी मंदिर धार्मिक पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो भक्तों को धार्मिकता और श्रद्धा के अनुभव के साथ अपने बदलते रूप और रहस्यमयी कहानी के लिए प्रेरित करता है। यहां प्रतिवर्ष नवरात्रि के दौरान बड़ा धार्मिक उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं और माता कोराडी को उनके विशेष आशीर्वाद के लिए पूजते हैं।