सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर (Siddhveer Khedapati Hanuman Mandir Shajapur) मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित है। श्री हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
यहां वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर उक्त स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थी। इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है।
यह मंदिर बोलाई गांव के केंद्र में स्थित है और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक समागम स्थल है। मंदिर का आकार संयत और सुंदर है और यहाँ के वातावरण में एक शांतिपूर्ण और ध्यानपूर्ण वातावरण बनाता है।
यह मंदिर चमत्कारी कुछ इस प्रकार है की यहाँ से गुजरने वाली हर ट्रैन की गति अपने आप कम हो जाती है।
मंदिर को सिद्धवीर खेड़ापति मंदिर (Khedapati Hanuman Mandir) के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर करीब 600 साल पुराना माना जाता है।
यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है की जहाँ हनुमान जी की प्रतिमा के साथ गणेश जी की भी प्रतिमा विराजमान है, जो हनुमान जी की बाई तरफ है। लोगो का यह मानना है की यह दोनों मूर्ति का होना बहुत ही शुभ है। इसलिए यहाँ आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है।
यह मंदिर इतना दिव्य और अनोखा क्यों माना जाता है?
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खेड़ापति हनुमान मंदिर, रतलाम और भोपाल स्टेशन के बीच बोलाई स्टेऑन से 1 किलोमीटर दूर है।
यह मान्यता है की यहाँ आने वाले भक्तों को अपने भविष्य की घटनाओ के बारे में प्रतीत हो जाता है। कहा जाता है की हनुमानजी यंहा आने वाले लोगों का अच्छा या बुरा भविष्य बताते है जिसके चलते भक्त पहले ही सतर्क हो जाते है
साथ ही मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है की मंदिर के सामने से जब भी कोई ट्रैन निकलती है, तो उसकी गति अपने आप धीमी हो जाती है।
ट्रैन के लोको पायलट का यह कहना है की मंदिर के आने के पहले ही अचानक से ऐसा लगता यही की ट्रैन की स्पीड अपने आप कोई कम कर रहा हो।
यह भी मान्यता है की यहाँ भक्तो की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यहाँ हर मंगलवार,शनिवार और बुधवार को दूर दूर से श्रद्धालु अपनी अरज लेके आते हैं।