Sawan Pradosh Vrat 2023 सावन प्रदोष व्रत तिथि,पूजा विधि और मुहूर्त

Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन प्रदोष व्रत तिथि,पूजा विधि और मुहूर्त

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत चंद्र माह में शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) और कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) दोनों के 13 वें दिन मनाया जाता है। संस्कृत में “प्रदोष” शब्द का अर्थ “गोधूलि” है, और आमतौर पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच, गोधूलि समय के दौरान यह व्रत मनाया जाता है।

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है, और भक्त आमतौर पर इस दिन कड़ा उपवास रखते हैं, भोजन और पानी से परहेज करते हैं। इस दिन लोग भगवान शिव की विधिवत पूजा करते है। 

सावन प्रदोष व्रत 2023 का महत्व (Sawan Pradosh Vrat 2023 Importance )

सावन मास (Sawan Maas 2023) में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। लेकिन सावन में प्रदोष व्रत रखने वालों पर शिव जी मेहरबान रहते हैं ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। प्रदोष व्रत के रखने वाले जातक को संतान सुख, वैवाहिक सुख, शत्रु-ग्रह बाधा से मुक्ति, धन प्राप्ति और मनवांछित फल कि प्राप्ति  होती है। 

सावन प्रदोष व्रत 2023 लिस्ट और तिथि और शिव पूजा का मुहूर्त (Sawan Pradosh Vrat Tithi, Date, Puja Muhurat) 

इस साल अधिकमास या मलमास के कारण सावन में 4 प्रदोष व्रत होंगे जिसकी लिस्ट इस प्रकार है –

सावन का पहला प्रदोष व्रत (शनि प्रदोष व्रत): 15 जुलाई, शुक्रवार 

सावन का पहला प्रदोष व्रत तिथि 14 July 2023 को शाम 07:17 से 15 July 2023 रात्रि 08:33 तक रहेगा। शिवपूजा का मुहूर्त रात्रि 07 बजकर 21 मिनट से लेकर रात्रि 09 बजकर 24 मिनट तक और अवधि 2 घंटे 2 मिनट की होगी 

सावन का दूसरा प्रदोष व्रत (रवि प्रदोष या भानु प्रदोष व्रत): 30 जुलाई, रविवार

रवि प्रदोष व्रत का समय 30 July 2023 को सूबह 10:34 से 31 July 2023 को सूबह 07:27 तक रहेगा। 

सावन का तीसरा प्रदोष व्रत (रवि प्रदोष या भानु प्रदोष व्रत): 13 अगस्त, रविवार

सावन का तीसरा प्रदोष व्रत का समय काल 13 August 2023 को सूबह 08:20 से 14 August 2023 को सूबह 10:25 के बिच रहेगा। 

सावन का चौथा प्रदोष व्रत(सोम प्रदोष व्रत): 28 अगस्त, सोमवार

सोम प्रदोष व्रत यानि सावन का चौथे व्रत का समय काल 28 August 2023 पर शाम 06:23 से शुरू होकर 29 August 2023 को दोपहर 02:48 के बिच रहेगा। 

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सावन प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि (Sawan Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • स्नान करके और साफ, ताजे कपड़े पहनकर शुरुआत करें। पूजा शुरू करने से पहले अपने शरीर और मन को शुद्ध करना जरूरी है।
  • पूजा के लिए स्वच्छ और शांतिपूर्ण क्षेत्र चुनें। एक साफ कपड़ा या चटाई बिछाएं और शिव लिंग या भगवान शिव की तस्वीर स्थापित करें। आप भगवान शिव से जुड़े अन्य देवताओं, जैसे देवी पार्वती, भगवान गणेश और नंदी (बैल) को भी स्थापित कर सकते हैं।
  • फूल, अगरबत्ती, फल, पवित्र जल (गंगाजल), चंदन का लेप, कपूर, सिंदूर (कुमकुम), हल्दी पाउडर, चावल के दाने, आरती दीपक और एक घंटी सहित आवश्यक पूजा सामग्री इकट्ठा करें।
  • पवित्र माहौल बनाने के लिए तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  • पानी से भरा एक ताम्बे का लोटा लें और इसे शिव लिंगम या देवता की छवि पर डालते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
  • “ओम नमः शिवाय”
  • भगवान शिव को ताजे फूल, फल और अन्य वस्तुएं घी, शहद और गंगाजल मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। 
  • शिव जी को भांग, धतूरा, बेलपत्र फूल और नैवेद्य शिवलिंग पर अर्पित करें। 
  • कपूर जलाएं और प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें और इसके पश्चात शिव जी की आरती (Shiv Aarti)भजन या भगवान शिव को समर्पित किसी भी भक्ति गीत का जाप करते हुए इसे देवता के सामने दक्षिणावर्त दिशा में घुमाएं।

यदि आप सावन प्रदोष व्रत करने में रुचि रखते हैं, तो मैं आपको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। यह भगवान शिव से जुड़ने और उनका आशीर्वाद पाने का एक शक्तिशाली तरीका है। मुझे आशा है कि आपको यह जानकारी सहायक लगी।

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