“श्री शिव नीरांजनम्” (Shri Shiv Niranjanam) स्तुति भगवान शिव की महिमा और महत्व की प्रशंसा करने वाली एक विशेष स्तोत्र है। यह स्तुति भगवान शिव की शक्ति, परम शांति और दिव्यता की महत्वपूर्ण गुणगान को व्यक्त करती है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति में सहायक हो सकती है।
भगवान शिव की इस स्तुति के बारे में बहुत काम लोगो को ज्ञात है , पता है यह स्तुति भगवान शिव को बहुत प्रिय है और यह स्तुति को प्रतिदिन करने से शिवजी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
“श्री शिव नीरांजनम्” स्तुति के माध्यम से, भक्त भगवान शिव की महिमा, शक्ति और दया का गुणगान करते हैं। इस स्तुति के शब्द भगवान शिव के विशेष गुणों को प्रकट करते हैं और भक्त को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करते हैं।
इस स्तुति का अच्छे से पाठ करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। यह स्तुति भगवान शिव की कृपा, अनुग्रह, और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक साधन होती है और भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करती है।
यह है,
श्री शिव नीरांजनम् स्तुति लिरिक्स | Shri Shiv Niranjanam Lyrics in Hindi/Sanskrit
श्री शिव नीरांजनम्
हरिः ॐ नमोऽत्वनन्ताय सहस्रमूर्तये सहस्रपादाक्षिशिरोरुवाहवे ।
सहस्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते सहस्रकोटियुगधारिणे नमः ॥ 1 ॥
ॐ जय गङ्गाधर हर शिव, जय गिरिजाधीश शिव, जय
गौरीनाथ ।
त्वं मां पालय नित्यं, त्वं मां पालय शम्भो, कृपया जगदीश ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ २॥
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रुमविपिने, शिव कल्पद्रुमविपिने
गुञ्जति मधुकर पुञ्जे, गुञ्जति मधुकरपुञ्जे गहने ।
कोकिलः कूजति खेलति, हंसावलिललिता रचयति
कलाकलापं रचयति, कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ३॥
तस्मिँल्ललितसुदेशे शालामणिरचिता, शिव शालामपिरचिता,
तन्मध्ये हरनिकटे तन्मध्ये हरनिकटे, गौरी मुदसहिता ।
क्रीडां रचयति भूषां रञ्जितनिजमीशम्, शिव रञ्जितनिजमीशं
इन्द्रादिकसुरसेवित ब्रह्मादिकसुरसेवित, प्रणमति ते शीर्षम्,
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ४॥
विबुधवधूर्बहु नृत्यति हृदये मुदसहिता, शिव हृदये मुदसहिता,
किन्नरगानं कुरुते किन्नरगानं कुरुते, सप्तस्वर सहिता ।
धिनकत थै थै धिनकत मृदङ्गं वादयते, शिव
मृदङ्गं वादयते,
क्वणक्वपललिता वेणुं मधुरं नादयते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ५॥
कण कण-चरणे रचयति नूपुरमुज्वलितं, शिवनूपुरमुज्वलितं.
चक्राकारं भ्रमयति चक्राकारं भ्रमयति, कुरुते तां धिकताम् ।
तां तां लुप-चुप तालं नादयते, शिव तालं नादयते,
अङ्गुष्ठाङ्गुलिनादं अङ्गुष्ठाङ्गुलिनादं लास्यकतां कुरुते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ६॥
कर्पुरद्युतिगौरं पञ्चाननसहितम्, शिव पञ्चाननसहितं,
विनयन शशधरमौले, विनयन विषधरमौले कण्ठयुतम् ।
सुन्दरजटाकलापं पावकयुत फालम्, शिव पावकशशिफालं,
डमरुत्रिशूलपिनाकं डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम् ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ७॥
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शङ्खननादं कृत्वा झल्लरि नादयते, शिव झल्लरि नादयते,
नीराजयते ब्रह्मा, नीराजयते विष्णुर्वेद-ऋचं पठते ।
इति मृदुचरणसरोजं हृदि कमले धृत्वा, शिव हृदि कमले धृत्वा
अवलोकयति महेशं, शिवलोकयति सुरेशं, ईशं अभिनत्वा ।
ॐ हर हर महादेव ॥ ८॥
रुण्डै रचयति मालां पन्नगमुपवीतं, शिव पन्नगमुपवीतं,
वामविभागे गिरिजा, वामविभागे गौरी, रूपं अतिललितम् ।
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणं, शिव कृत भस्माभरणम्,
इति वृषभध्वजरूपं, हर-शिव-शङ्कर-रूपं तापत्रयहरणम् ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ९॥
ध्यानं आरतिसमये हृदये इति कृत्वा, शिव हृदये इति कृत्वा,
रामं त्रिजटानाथं, शम्भुं विजटानाथं ईशं अभिनत्वा ।
सङ्गीतमेवं प्रतिदिनपठनं यः कुरुते, शिव पठनं यः कुरुते,
शिवसायुज्यं गच्छति, हरसायुज्यं गच्छति, भक्त्या यः शृणुते ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ १०॥
ॐ जय गङ्गाधर हर शिव, जय गिरिजाधीश शिव, जय
गौरीनाथ ।
त्वं मां पालय नित्यं त्वं मां पालय शम्भो कृपया जगदीश ।
ॐ हर हर हर महादेव ॥ ११॥
श्री शिव नीरांजनम्” स्तुति के फायदे:
- आशीर्वाद प्राप्ति: इस स्तुति के माध्यम से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है, जो भक्त के जीवन में सुख और समृद्धि की स्थिति को बढ़ावा देते हैं।
- गुणगान और भक्ति: यह स्तुति भगवान शिव की दिव्यता, शक्ति और दया का गुणगान करती है और भक्त को उनकी ओर अधिक प्रतिष्ठा और भक्ति में आकर्षित करती है।
- आध्यात्मिक साक्षात्कार: यह स्तुति भगवान शिव के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव को मजबूत करती है और उनके भक्त को उनके आत्मा के प्रति अधिक समर्पण की ओर प्रेरित करती है।
- इस प्रकार, “श्री शिव नीरांजनम्” स्तुति भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होती है, जो उनके आशीर्वाद की प्राप्ति में सहायक सिद्ध हो सकती है और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में भक्त को मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।