मंगलवार का व्रत (Mangalvar Vrat) एक प्राचीन और प्रिय धार्मिक परंपरा है, जिसमें भक्त अपने मांगलिक कार्यों की सामर्थ्य और हनुमान जी की कृपा को प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष व्रत रखते हैं। इस व्रत को मंगल ग्रह की किस्मत को बदलने का एक साधना माना जाता है और यह अधिकांश: विशेष तौर पर उन लोगों द्वारा आचरण किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल की दृष्टि अशुभ होती है।
मंगलवार व्रत के फायदे | Tuesday Fasting Benefits
मंगलवार के व्रत (Mangalvar Vrat) में ब्रह्मचर्य की पालना और उपवास करने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक ध्यान स्थिर होता है। यह व्रत मंगल ग्रह की समस्याओं को दूर करने का अद्वितीय माध्यम होता है और हनुमान जी की कृपा को आकर्षित करता है। इसके साथ ही, यह व्रत व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में मदद करता है और बुरे कर्मों से बचाव के लिए एक मार्ग प्रदान करता है।
- मंगलवार के दिन मंगलग्रह की समस्याओं का निवारण होता है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है.
- मंगलवार के दिन ब्रह्मचर्य और उपवास का पालन किया जाता है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है और बुरे कर्मों से बचाव होता है.
अगर आप भी मंगलवार का व्रत रखते है तो इस दिन हनुमान जी के 12 (12 Names of Lord Hanuman) नामो का जप भी करना चाहिए, माना जाता है की इन नामों को जपने से व्यक्ति को हर संकट और भय से मुक्ति मिलती है
मंगलवार व्रत की उद्यापन विधि | Tuesday Fasting Procedure
- व्रत की उद्यापन विधि के अनुसार, साधक को 3, 5, 7, 11 या 21 मंगलवार व्रत करने चाहिए और उद्यापन में नारियल, पंचामृत, सिंदूर और भोजन का दान करना चाहिए.
- 7 नारियल हनुमान जी या देवी दुर्गा के मंदिर में अर्पित करें।
- पंचामृत चढ़ाकर सिंदूर का दान करें और गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- मंदिर में लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं और उद्यापन के दिन रक्त चंदन की माला धारण करें।
इन 5 गलतियों से बचें
- व्रत के दौरान मन को पवित्रता में बनाये रखना चाहिए और मन को भटकन नहीं होने देनी चाहिए.
- व्रती को दिनभर में केवल एक बार भोजन करना चाहिए और लाल कपड़े पहनने से व्रत की महत्वपूर्णता बढ़ती है.
- मीठी वस्तु का दान करते समय उसे स्वयं न ग्रहण करें।
- हनुमानजी की पूजा के लिए काले या सफेद वस्त्र पहनने की जगह लाल कपड़े का प्रयोग करें।
- व्रत रखने वाले को दिनभर में केवल एक बार भोजन करने की सलाह दी जाती है।
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मंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha
एक समय की बात है, गांव में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे। उनकी एक अकेली संतान नहीं थी, जिसके कारण वे दुखी थे। एक दिन ब्राह्मण पति वन में गए और हनुमान जी की पूजा करने लगे। उन्होंने मन से एक पुत्र की कामना की और महावीर जी से प्रार्थना की। उनकी पत्नी घर में मंगलवार के दिन व्रत करती थी और हनुमान जी को भोग अर्पित करती थी।
एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ने यह देखा कि उनके पास भोजन नहीं है और हनुमान जी को भोग लगाने के लिए भी कुछ नहीं था। वह निराश हो गई और प्रार्थना की कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाएंगी।
उसके बाद उसकी भूख और तपन बढ़ गई। वह छह दिनों तक भूखी-प्यासी रही, लेकिन अपने व्रत की प्रतिष्ठा में कमी नहीं आने दी। आखिरकार आने वाले मंगलवार को व्रत के अंत में वह बेहोश हो गई। हनुमान जी की आराधना और व्रत में जितनी आदर्श भावना थी, उसने उन्हें खो दिया था।
उसकी निष्ठा और लगन ने हनुमान जी को प्रसन्न किया। वे उसकी प्रार्थना सुनकर प्रसन्न हो गए और उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया कि वह एक सुंदर पुत्र को जन्म देगी।
इसके बाद ब्राह्मणी ने वाकई में एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम मंगल रखा। वे प्रतिवर्ष मंगलवार के दिन व्रत रखने लगे और हनुमान जी की पूजा करते रहे।
यह कथा हमें यह सिखाती है कि भक्ति, प्रतिष्ठा और निष्ठा से भरपूर हनुमान जी के व्रत का महत्व है। जो व्यक्ति मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता है और व्रत रखता है, वह हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त करता है।
Conclusion
मंगलवार का व्रत (Mangalvar Vrat) न केवल आध्यात्मिक बल्कि आधिकारिक रूप से एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें भक्त अपने आत्मा को पवित्र और साक्षात्कारी बनाते हैं। यह व्रत मानवता के उद्विग्न मनोबल को शांत करने में मदद करता है और सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग प्रदर्शित करता है।