इस वर्ष अधिक मास मंगलवार 18 जुलाई से यह मास प्रारंभ होकर 16 अगस्त बुद्धवार को समाप्त हो रहा है।-
इन दिनों में सत्यनारायण भगवान की पूजा , महामृत्युंजय मंत्र का जाप ,यज्ञ और अनुष्ठान, ब्रजभूमि की यात्रा इत्यादि करना शुभ होता है
अधिक मास में जरुरतमंद लोगो को अन्न दान, वस्त्र दाल और साथ ही सावन की वजह के जटरी भी दान करने से पुण्य कर्मा प्राप्त होता है
अधिक मास में दीपदान करने का अधिक महत्व है।
ज्योतिषाचार्य के अनुशार अधिक मास में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित हैं। उदाहरण है जैसे विवाह , नया व्यवसाय , मुंडन ,इत्यादि पर रोक रहती है।
अधिक मास में विष्णु पूजन के अलावा खान पान पर भी ध्यान रकना चाहिए। जैसे चावल, घी, गेहूं , सेंधा नम, जीरा, मटर इत्यादि वर्जित है।