यह पुराण हमें यह सिखाता है कि शरीर के पार आत्मा हमेशा अमर रहती है और मृत्यु के बाद भी उसकी जीवन परिणति होती है।
आत्मचिंतन करना बहुत महत्वपूर्ण है इससे सोचने और समझने की शक्ति मिलती है। इंसान भविष्य के लिए सतर्क हो जाता है और कोई भी गलती करने से बचता है।
हमारे कर्म ही हमारे भविष्य का निर्माता होते हैं और आचरण के अनुसार ही हमें फल मिलता है।
गरुण पुराण के अनुसार आय का कुछ हिस्सा दान करने से बरकत बनी रहती है।
गरुड़ पुराण के अनुसार धर्म के पालन से ही मनुष्य का उद्धार हो सकता है और समाज में सद्गुण प्रवृत्ति करनी चाहिए।
भोजन करने से पहले भगवान को भोग जरूर लगाए। माँ अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है घर में धन धन्य की कमी नहीं होती।
धर्म ग्रंथो और पुराणों का पाठ करना चाहिए इससे सुख शांति बानी रहती है और आपकी बुद्धि का विकास होता है।
गरुड़ पुराण सिखाता है कि जीवन और मृत्यु एक नियमित प्रक्रिया है और यह सांसारिक बंधनों से मुक्ति पाने के लिए आत्मा को प्रयत्नशील रहना चाहिए।
गरुड़ पुराण में भक्ति और पूजा के महत्व का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।
यह बताता है कि मनुष्य को भगवान की पूजा करनी चाहिए ताकि वह आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सके।
रोज सुबह अपनी कुल देवी-देवता की पूजा अवश्य करें इससे कष्ट दूर होते