Five Lessons from the Gita for Success in Every Arena

हिन्दू धर्म के अनुसार गीता हमें हर परेशानी और बाधा का समाधान दे सकती है इस प्राचीन ग्रंथ की सीखें आज भी समस्याओं का समाधान करने और व्यक्तित्व को सकारात्मक बनाने में मदद करती हैं

यहाँ पेश हैं गीता में कही गई ऐसी पांच बातें, जिन पर अमल करने से आपको हर क्षेत्र में जीत मिलेगी-

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Self-Reflection:

गीता के अनुसार व्यक्ति को स्व-विश्लेषण करना चाहिए। अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानकर हम अपने अंदर एक बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं।

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Control over Anger:

गीता क्रोध को नियंत्रित करने पर जोर देती है, क्योंकि यह भ्रम पैदा करता है, स्वयं के अच्छे स्वस्थ्य और सफलता के लिए गुस्से पर काबू पाना जरूरी है।

Illusions of the Mind:

प्रायः हमारे दुःख मन द्वारा उत्पन्न अनावश्यक एवं निरर्थक इच्छाओं से उत्पन्न होते हैं। ये इच्छाएँ हमें हमारे लक्ष्यों और वांछित व्यक्तित्व गुणों से दूर ले जाती हैं। अतः अपने मन पर नियंत्रण अतिआवश्यक है 

Self-Exploration and Constructive Thinking:

आत्म-जागरूकता अहंकार को नष्ट करती है और विकास को बढ़ावा देती है। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को आत्म-अन्वेषण को रचनात्मक और सकारात्मक सोच के साथ जोड़ना होगा।

Desire for Outcomes:

गीता में कहा गया है कि व्यक्ति के कर्मों का परिणाम उन कर्मों के अनुरूप ही होता है। कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और परिणाम उसी के अनुरूप होंगे।

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