हनुमान चालीसा में हनुमान जी को "अष्टसिद्धियाँ और नवनिधि के दाता" कहा गया है चलिए आज हम आपको बताते हैं कि हनुमान जी की अष्टसिद्धियाँ कौन सी हैं।
अनिमा सिद्धि द्वारा हनुमान जी अत्यंत सूक्ष्म आकार में शरीर को कर सकते है
महिमा सिद्धि द्वारा हनुमान जी अपने आकार को अत्याधिक बड़ा करके अपनी महिमा और शक्ति को प्रकट कर सकता है.
गरिमा सिद्धि द्वारा हनुमान जी अपने शरीर को विशाल पर्वत के समान अत्यन्त भारी कर सकते हैं
लघिमा सिद्धि द्वारा हनुमान जी अपने आकार को अत्यंत हल्का करके वायु में उड़ाने की क्षमता रखते हैं.
प्राप्ति सिद्धि द्वारा हनुमान जी अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी भी सामग्री को प्राप्त कर सकते है.
प्राकाम्य सिद्धि अपने हनुमान जी को विभिन्न शक्तियाँ प्रदान करती है, जैसे कि चिरकाल तक युवा बने रहना, टेलीपोर्टेशन, और पानी में जीवन जीने की क्षमता।
इसित्वा का अर्थ है “ईश्वर के समान”. इसित्वा सिद्धि द्वारा हनुमान जी प्रकृति (जल, वायु, धरती और आकाश) को अपनी इच्छानुसार नियंत्रित कर सकते है.
वसित्व, अष्टसिद्धियों में आखिरी,जो हनुमान जी को किसी (मनुष्य और पशु) के भी मन को नियंत्रित करने की क्षमता देती है