शालिग्राम शिला की स्थापना पूजा स्थल के पूर्वांग में करें, जिससे पूजा का विधान शुभ हो।।
शिला को पानी से धोकर, सुखाकर, धूप देकर और गंध चढ़ाकर पूजन करें।
शालिग्राम शिला को तुलसी जल या गंगाजल से नित्य प्रतिदिन अभिषेक करें। पूजा में फूल, धूप, दीप, नैवेद्य
सोमवार और शनिवार को शालिग्राम जी का विशेष पूजन करें।
शालिग्राम शिला को देवाच्युत की मूर्ति के समान माना जाता है, इसलिए उसे सूर्यास्त के समय नहीं देखना चाहिए।।
प्रतिदिन नित्य पूजा और अर्चना के लिए समय निकालें और शुद्ध मन और शरीर से पूजा करें।
पंचामृत से स्नान कराये और तुलसी का पत्ता जरूर चढ़ाये।