भगवान विष्णु ने छंठा अवतार भगवान परशुराम के रूप में लिया था. भगवना परशुराम का जन्म सतयुग में हुआ था ऐसा माना जाता है कि परशुराम भगवान आज भी जिंदा है. इन्हें अमर माना जाता है.
हिंदू धार्मिक ग्रथों के अनुसार बजरंगबली को अजर-अमर माना जाता है. इसी वजह से उन्हें कलयुग का देवता भी कहा जाता है.
अश्वत्थामा एक श्राप के कारण अमर हैं. अश्वत्थामा को भगवान श्रीकृष्ण ने दुनिया के अंत तक जीवित रहने का श्राप दिया था.
महर्षि व्यास ऋषि पराशर और माता सत्यवती के पुत्र थे. महर्षि व्यास को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है वह आज भी अमर हैं.
रावण के छोटे भाई विभीषण को भी चिरंजीवी का वरदान था. विभीषण ने अपने भाई रावण के विरुद्ध जाकर सत्य का साथ दिया था. प्रभु श्रीराम में लंका विजय के बाद यहां का राज विभीषण को सौंपा था.
कृपाचार्य एक महान ऋषि थे. वह कौरवों के कुलगुरु और अश्वथामा के मामा थे. देव पुरुष कृपाचार्य को भी चिरंजीवी का वरदान प्राप्त है.
धार्मिक ग्रथों के अनुसार असुर राजा बलि आज भी अमर है. असुर राजा बलि दान पुण्य के काम करते थे