धार्मिक अनुष्ठानों या पूजा के दौरान लोग सुरक्षा के लिए अपने हाथों पर लाल रंग का कलावा धागा बांधते हैं।
माना जाता है कि कलावा बुरी नजरों से बचाता है और हिंदू धर्म के प्रति समर्पण से परे भी इसका महत्व है।
मौली, कलावा या रक्षा सूत्र पहनने से दैवीय आशीर्वाद मिलता है और शत्रु दूर होते हैं।
लाल धागा सुरक्षा और दीर्घायु का प्रतीक है, इसलिए इसे 'रक्षा धागा' नाम दिया गया है।
यह प्रथा भगवान वामन द्वारा राजा बलि को एक पवित्र धागे के माध्यम से अमरता का उपहार देने से जुड़ी है।
बहनें अपने भाइयों को राखी के धागे बांधती हैं, गांठें बंधे हुए प्यार और सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
कलावा/रक्षा सूत्र विभिन्न रंगों में आता है, लेकिन लाल रंग को सबसे शुभ माना जाता है।
मौली/कलावा बांधने से हिंदू देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रत्येक देवता का आशीर्वाद प्रसिद्धि, रक्षा शक्ति, ज्ञान, धन और आंतरिक शक्ति जैसे विशिष्ट गुण लाता है।